3 फे़ज इंजन ने बचाए रेलवे के करोड़ों रुपये

- 3 फे़ज इंजन ने एक माह में जेनरेट की 46 लाख यूनिट बिजली - खुले बा़जार से बिजली ख़्ारीद पर एक माह

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 01:00 AM (IST)
3 फे़ज इंजन ने बचाए रेलवे के करोड़ों रुपये
3 फे़ज इंजन ने बचाए रेलवे के करोड़ों रुपये

- 3 फे़ज इंजन ने एक माह में जेनरेट की 46 लाख यूनिट बिजली

- खुले बा़जार से बिजली ख़्ारीद पर एक माह में बचे 3 करोड़ रुपये

झाँसी : भारतीय रेल पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के साथ ही ग्रीन एनर्जी का उपयोग कर रेलवे राजस्व की बचत भी कर रहा है। झाँसी मण्डल भी इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक तरफ झाँसी मण्डल ओपन बिजली बा़जार से ख़्ारीद कर राजस्व बचा रहा है तो दूसरी ओर मण्डल के 3 फे़ज लोकोमोटिव हर माह लाखों यूनिट बिजली उत्पादन कर रहे हैं। इससे रेलवे को करोड़ों रुपये बच रहे हैं।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक उत्तर प्रदेश क्षेत्र से 21.76 करोड़ की बिजली व्यय में राजस्व बचत की गई है। वहीं, मध्य प्रदेश क्षेत्र से चालू वित्तीय वर्ष में 3.27 करोड़ की राजस्व की बचत की गई है। दरअसल, इस बार खुले बा़जार से बिजली खरीदने से रेलवे को यह फायदा हुआ है। पहले मण्डल द्वारा चुनिन्दा माध्यम से ही बिजली खरीदी जाती है, इससे कम्पनि की तय दरों पर ही बिजली लेनी पड़ती थी। इस वर्ष खुले बा़जार से बिजली खरीदने से रेलवे को कम दरों पर बिजली मिली है। यह इसलिए सम्भव हो पाया कि रेलवे बिजली उत्पादकों के बड़े खरीदारों में से एक है और इसी के चलते विद्युत का उत्पादन करने वाली कम्पनि में प्रतिस्पर्धा चल रही है। इसका सीधा लाभ मण्डल को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अन्तर्गत वर्तमान में ललितपुर, मुस्तरा, मोठ, लालपुर, रागौल, घाटमपुर, उदयपुरा व खोह और मध्यप्रदेश क्षेत्र के दतिया, हेतमपुर, ग्वालियर व बसई ट्रैक्सन सब स्टेशन के माध्यम से राजस्व की बचत की है। इस योजना के माध्यम से रेल मण्डल को कितना अधिक लाभ मिल रहा है, उसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि मण्डल ने कार्य योजना के तहत पिछले साल अक्टूबर में डी़जल खपत में रिकॉर्ड बचत करते हुए 18.76 करोड़ रुपये बचाए हैं। इसके साथ ही बिजली से ट्रेन संचालन को तरजीह देने के साथ ही पर्यावरण के लिहाज से भी यह सकारात्मक ़कदम रहा है। वर्ष 2020 के उक्त माह में 2670 किलोलिटर डी़जल की खपत हुई थी, जबकि इस वर्ष केवल 1170 किलोलिटर ही डी़जल की खपत हुई है।

3 फे़ज इंजन से एक माह में जेनरेट हुई 2 करोड़ की बिजली

कुछ साल पहले तक ट्रेन को ट्रैक पर दौड़ाने के लिए रेलवे को इंजन में करोड़ों रुपये के ईधन को जलाना होता था। लेकिन अब 3 फे़ज लोकोमोटिव आने से रेलवे का राजस्व तो बचा ही है, साथ ही आधुनिक तकनीक से निर्मित यह इंजन रेलवे को बिजली की बचत करके भी दे रहे हैं। यदि पिछले माह अगस्त की बात करें तो मण्डल ने 3 फे़ज लोको मोटिव से मण्डल को 46.81 लाख यूनिट बिजली प्राप्त हुई है, जिसकी बा़जार में कीमत 2.31 करोड़ रुपये बताई गई है। यानी, इन इंजन के आने से मण्डल को कमोवेश हर माह इतनी ही बिजली मिल रही है।

बिजली खरीद में भी हुई 3 करोड़ की बचत

झाँसी मण्डल रेल बिजली खरीद के मामले में जागरूक उपभोक्ता की तरह राजस्व में बचत कर रहा है। इस साल जुलाई माह में बिजली की खरीद करने में रेलवे ने ओपन मार्केट का उपयोग कर 2.97 करोड़ रुपये का राजस्व बचाया है। यदि यही बिजली खरीद किसी एक निर्धारित निर्माता कम्पनि से की जाती तो रेलवे को इतनी ही रकम अदा करनी पड़ती। इस खरीद में उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश की कम्पनि भी शामिल हैं।

डी़जल की खपत भी नीचे आई

मण्डल में लगभग प्रत्येक रेलमार्ग का विद्युतीकरण अपने दौर में है। यही कारण है कि डी़जल खपत कम होती जा रही है। इसका सीधा मतलब यह है कि डी़जल की खपत को कम करने के लिए रेलवे अब बिजली का अधिक से अधिक उपभोग कर रहा है। साथ ही तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका जीता-जागता उदाहरण 3 फे़ज इंजन हैं।

फाइल : वसीम शेख

समय : 07 : 00

17 सितम्बर 2021

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