इस बार 17 दिन के श्राद्ध पक्ष
तर्पण करते की फाइल फोटो ::: फोटो : 17 जेएचएस 19 आचार्य हरिओम पाठक ::: - तृतीया तिथि अगले द
तर्पण करते की फाइल फोटो
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फोटो : 17 जेएचएस 19
आचार्य हरिओम पाठक
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- तृतीया तिथि अगले दिन दोपहर तक रहने से पितृ विसर्जन तिथि बढ़ी
झाँसी : 19 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी के साथ गणेश विसर्जन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। इसके अगले दिन यानी, 20 सितम्बर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाएंगे। इस बार श्राद्ध पक्ष 17 दिन के होंगे।
पितृों का तर्पण करने के लिये क्वार मास के पहले पखवारे में श्राद्ध पक्ष होता है। माना जाता है कि जिस तिथि (हिन्दू तिथि) को जिस व्यक्ति की मृत्यु हुयी है, उसका श्राद्ध इस मास की उसी तिथि को करना चाहिये। महानगर धर्माचार्य एवं अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ के संयोजक आचार्य हरिओम पाठक के अनुसार इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 20 सितम्बर से शुरू होंगे। पहले दिन उन पुण्यात्माओं का श्राद्ध किया जायेगा, जिनकी मृत्यु पूर्णिमा के दिन हुयी थी। 6 अक्टूबर को पितृ विसर्जन अमावस्या होगी, जिसमें अज्ञात तिथि को मृत व्यक्तियों का भी श्राद्ध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष की जो तिथि मध्याह्न 12 बजे तक होती है, वही श्राद्ध के लिये मान्य है। इस लिहाज से 23 सितम्बर को प्रात: 7 बजे से 24 घण्टे तक तृतीया तिथि रहेगी। 23 सितम्बर को पूरे दिन तृतीया का श्राद्ध होगा। 24 सितम्बर को मध्याह्न बाद चतुर्थी आने के कारण अगले दिन भी चतुर्थी का श्राद्ध होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार प्रतिदिन समय बढ़ता जायेगा, जिस कारण 26 सितम्बर को अतिरिक्त दिन होने से श्राद्ध की तिथि नहीं है। पितृ विसर्जन अमावस्या 5 अक्टूबर (मंगलवार) की जगह 6 अक्टूबर (बुधवार) को होगा।
श्राद्ध की तिथियाँ
20 सितम्बर : पूर्णिमा का श्राद्ध
21 सितम्बर : प्रतिपदा श्राद्ध
22 सितम्बर : द्वितीय श्राद्ध
23 सितम्बर : तृतीया श्राद्ध
24 सितम्बर : चतुर्थी श्राद्ध
25 सितम्बर : पंचमी श्राद्ध
27 सितम्बर : षष्ठी श्राद्ध
28 सितम्बर : सप्तमी श्राद्ध
29 सितम्बर : अष्टमी श्राद्ध
30 सितम्बर : नवमी श्राद्ध
1 अक्टूबर : दशमी श्राद्ध
2 अक्टूबर : एकादशी श्राद्ध
3 अक्टूबर : द्वादशी, संन्यासी, यति, वैष्ण्वजनों का श्राद्ध
4 अक्टूबर : तेरहवाँ श्राद्ध
5 अक्टूबर : चतुर्दशी श्राद्ध
6 अक्टूबर : अमावस्या श्राद्ध व पितृ विसर्जन।