झाँसी व ललितपुर के 7 बाँध ओवरफ्लो
फोटो : विपेन्द्र के फोल्डर से ::: फोटो 1 माताटीला बाँध के गेट खुलते ही दौड़ा पानी। ::: फोट
फोटो : विपेन्द्र के फोल्डर से
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माताटीला बाँध के गेट खुलते ही दौड़ा पानी।
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सुकुवाँ-ढुकुवाँ बाँध के रिपटे से बहता पानी।
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बरुआसागर तालाब पूरी तरह से लबालब हो गया है।
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0 अधिकांश बाँध लगभग लबालब
0 6 जलाशयों को अभी भी पानी का इन्त़जार
झाँसी : मॉनसून की वापसी ने एक बार फिर जल संकट का हरण कर लिया है। बुन्देलखण्ड में हो रही बारिश से अधिकांश नदियों का वेग बढ़ गया है। इससे झाँसी-ललितपुर के 13 बाँध लगभग भर गए हैं, जबकि 7 बाँध तो ओवरफ्लो हो रहे हैं। पर, 6 बाँध ऐसे भी हैं जो अब भी पानी के लिए तरस रहे हैं। यह बाँध क्षमता से आधे भी नहीं भर पाए हैं।
सितम्बर माह में मॉनसून ढलान पर आ जाता है। इस बार भी शुरूआत में पानी नहीं बरसा, जिससे कई जलाशयों पर संकट के बादल मँडराने लगे, लेकिन पिछले 3 दिन से उम्मीदों की घटाओं ने सूखे बुन्देलखण्ड को तरबतर कर दिया है। इससे नदियों में फिर से जान आ गई है। मध्य प्रदेश में हो रही झमाझम बारिश से बेतवा का वेग काफी बढ़ गया है। अधिक पानी आने से राजघाट बाँध के गेट खोलकर लगभग 90 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है, जो माताटीला बाँध, सुकुवाँ-ढुकुवाँ व पारीछा बाँध को लाँघकर नदी में समा रहा है। इसके अलावा कुछ और नदियों में भी पानी आ गया है, जिससे जलाशयों में पानी पहुँचने लगा है। झाँसी व ललितपुर में अलग-अलग नदियों पर 19 बाँध हैं, जिसमें से 7 बाँध पूरी तरह से लबालब हो चुके हैं, जिनके ऊपर से पानी निकाला जा रहा है। हालाँकि इस घनघोर घटाओं के बाद भी कुछ क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है, जिससे यहाँ बहने वाली बरसाती नदियाँ अब भी सूखी हैं और इन पर निर्भर जलाशय खाली पड़े हैं।
झाँसी-ललितपुर के बाँधों में भरा पानी
बाँध : पूर्ण क्षमता के सापेक्ष प्रतिशत
राजघाट : ओवरफ्लो
माताटीला : ओवरफ्लो
गोविन्दसागर : 76.42 प्रतिशत
शहजाद : 89.37 प्रतिशत
जामिनी : 64.39 प्रतिशत
सजनम : 34.54 प्रतिशत
रोहिणी : 42.03 प्रतिशत
सुकुवाँ-ढुकुवाँ : ओवरफ्लो
पारीछा : ओवरफ्लो
डोंगरी : 100 प्रतिशत
पहूज : ओवरफ्लो
खपरार : 100 प्रतिशत
सपरार : 31.03 प्रतिशत
पहाड़ी : ओवरफ्लो
लहचूरा : ओवरफ्लो
बढ़वार : 43.54 प्रतिशत
पथरई : 68.20 प्रतिशत
जलाशयों पर हुई बारिश
राजघाट : 859 मिमी (33.81 इंच)
माताटीला : 241 मिमी (9.48 इंच)
ढुकवाँ : 221 मिमी (8.70 इंच)
पारीछा : 359 मिमी (14.13 इंच)
डोंगरी : 243 मिमी (9.49 इंच)
पहूज : 324 मिमी (12.75 इंच)
सपरार : 245 मिमी (9.49 इंच)
खपरार : 440 मिमी (17.32 इंच)
पहाड़ी : 413 मिमी (16.25 इंच)
लहचूरा : 288 मिमी (11.33 इंच)
बढ़वार : 139 मिमी (5.47 इंच)
पथरई : 641 मिमी (25.23 इंच)
सिजार : 504 मिमी (19.84 इंच)
लखेरी : 341 मिमी (13.42 इंच)
कुरार : 565 मिमी (22.24 इंच)
फाइल : राजेश शर्मा