80 घण्टे से हो रही रिमझिम बरसात, मौसम सुहाना

0 महानगर में 3 दिन में 50 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश 0 गरौठा व टहरौली अब भी सूखा झाँसी : मॉनसून

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:53 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:47 PM (IST)
80 घण्टे से हो रही रिमझिम बरसात, मौसम सुहाना
80 घण्टे से हो रही रिमझिम बरसात, मौसम सुहाना

0 महानगर में 3 दिन में 50 मिलीमीटर से अधिक हुई बारिश

0 गरौठा व टहरौली अब भी सूखा

झाँसी : मॉनसून की धमाकेदार वापसी ने मौसम को पूरी तरह से बदल दिया है। पिछले 80 घण्टे से लगातार बरसात हो रही है। हालाँकि बारिश बेहद धीमी गति से हो रही है, जिससे भूजल स्तर में काफी सुधार की सम्भावना जताई जा रही है। हवाएं ठण्डी होने से तापमान भी काफी कम हो गया है। इन 3 दिन में सबसे अधिक बरसात महानगर में हुई है, जबकि टहरौली व गरौठा से घटाएं अब भी रूठी हैं।

आसमान में छाई घनघोर घटाएं भले ही झूम कर नहीं बरस रही हों, लेकिन लगातार हो रही रिमझिम बरसात ने धरती को तृप्त कर दिया है। बारिश का आँकड़ा भी बहुत ऊपर नहीं पहुँचा है। मंगलवार की दोपहर से बारिश शुरू हो गई थी, जिसके बाद लगातार रिमझिम बरसात हो रही है। बीच में बारिश रुकी भी, लेकिन कुछ ही देर में फिर छींटे पड़ने लगे। फव्वारे की तरह बरस रहे मेघ ने एक बार भी ते़जी नहीं पकड़ी। आँकड़ों में बात करें तो इस दौरान बहुत अधिक पानी नहीं गिरा। प्रशासन द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार मंगलवार की सुबह 8 बजे से शुक्रवार की सुबह 8 बजे तक महानगर में 38 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि शाम तक बारिश का सिलसिला जारी रहा। माना जा रहा है कि इस अवधि में 50 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो चुकी है। इस दौरान मोठ तहसील क्षेत्र में भी लगभग इतनी ही बारिश हुई, जबकि गरौठा व टहरौली में अब भी घटाओं ने बरसने में कंजूसी की है। गरौठा में इन 3 दिनों में महज 6 मिलीमीटर तो टहरौली में 8 मिलीमीटर बारिश ही रिकॉर्ड की गई है, जबकि मऊरानीपुर में 21 मिलीमीटर बारिश हुई है। लगातार हो रही रिमझिम बरसात ने हवाओं में ठण्डक घोल दी है, जिससे तापमान भी लगातार कम हुआ है। मौसम विभाग शनिवार को भी हल्की बारिश का अनुमान जता रहा है।

मूँग, उड़द और तिल की ़फसल को नु़कसान

0 प्रशासन ने सर्वे को उतारी टीम

0 धान की ़फसल को होगा फायदा

झाँसी : 3 दिन से हो रही बरसात से मूँग, उड़द और तिल की ़फसल को नु़कसान के आसार बन गए हैं। ़िजलाधिकारी ने क्षति का आकलन करने के लिए टीम का गठन कर दिया है, जिसने खेतों की राह पकड़ ली है। हालाँकि धान के लिए यह बारिश अमृत के समान है।

इस बार मॉनसून ने किसानों के सामने बार-बार असमंजस की स्थिति खड़ी की है। शुरूआत में समय से पहले अच्छी बारिश ने किसानों की उम्मीद लगाई, लेकिन फिर आसमान से घटाएं गायब हो गई, जिससे किसान बुआई करने के लिए पानी का इन्त़जार करते रहे। पानी की कमी के कारण अधिकांश किसानों ने तिल की बुआई कर दी, जबकि मूँग, उड़द व धान की भी बुआई की गई। ़फसल अब तैयार होने लगी थी तो एक बार फिर मॉनसून ने वापसी की है। बरसात धीमी हो रही है, लेकिन इससे कुछ ़फसलों को क्षति होने की सम्भावना भी बन गई है। दरअसल, मूँग, उड़द व तिल की ़फसलों में अब फली आ गई हैं। इसी माह के अन्त में ़फसलों की कटाई होनी थी। ़िजला कृषि अधिकारी केके सिंह ने बताया इस बरसात से उड़द, मूँग व तिल की ़फसलों को नु़कसान हो सकता है, जबकि धान के लिए यह पानी काफी फायदेमन्द है। ़िजलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने नुकसान का सर्वे करने के लिए टीम गठित कर दी है। तहसीलवार गठित टीम में एसडीएम, तहसीलदार, कृषि विभाग के अधिकारी व फसल बीमा कम्पनि के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। टीम ने खेतों पर जाकर नु़कसान का आकलन करना शुरू कर दिया है।

खरीफ में की गई बुआई

तिल : तिल : 1,14,260 हेक्टेयर

उड़द : 78,204 हेक्टेयर

मूँग : 5,150 हेक्ेटेयर

अरहर : 440 हेक्टेयर

मूँगफली : 25,680 हेक्टेयर

धान : 8,844 हेक्टेयर

मक्का : 1,340 हेक्टेयर

ज्वार : 1,350 हेक्टेयर

सोयाबीन : 7,991 हेक्टेयर

बाजरा : 14 हेक्टेयर

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किसानों ने दिया ज्ञापन

झाँसी : भारतीय किसान यूनियन के तत्वावधान में अविनाश भार्गव के नेतृत्व में ़िजलाधिकारी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि 3 दिन से लगातार बरसात होने से उड़द, मूँग, तिल की ़फसल को काफी नु़कसान हुआ है। उन्होंने सर्वे कराते हुए किसानों को मुआवजा दिलाने की माँग की है। इस अवसर पर उमाकान्त, रमाकान्त, सन्तराम आदि उपस्थित रहे।

फाइल : राजेश शर्मा

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