बिना नल कनेक्शन के आरसी काटने में फँसा जल संस्थान!

0 न्यायालय ने जलकर की वसूली को माना गैर ़कानूनी, जल संस्थान से जवाब तलब 0 उत्पीड़नात्मक कार्यवाही प

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 01:00 AM (IST)
बिना नल कनेक्शन के आरसी काटने में फँसा जल संस्थान!
बिना नल कनेक्शन के आरसी काटने में फँसा जल संस्थान!

0 न्यायालय ने जलकर की वसूली को माना गैर ़कानूनी, जल संस्थान से जवाब तलब

0 उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर लगाई रोक

झाँसी : बिना नल कनेक्शन के ही जल संस्थान के कर्जदार बने व्यापारियों को फिलहाल इलाहाबाद हाइकोर्ट की टिप्पणी ने फौरी राहत दे दी है। एक व्यापारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने जल संस्थान द्वारा आरोपित जलकर को गैर ़कानूनी मानते हुए जल संस्थान से जवाब तलब कर लिया है तो उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

महानगर की लगभग 50 ह़जार परिवारों को जल संस्थान द्वारा पाइप लाइन के जरिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। इसकी एवज में विभाग द्वारा जलकर व जलमूल्य की वसूली की जाती है। पिछले दिनों जल संस्थान ने अजब ही कारनामा कर दिया। विभाग ने महानगर के लगभग 150 व्यापारियों की आरसी काट दी। 25 हजार से लेकर 2 लाख तक के नोटिस जब व्यापारियों के पास पहुँचे तो उनके होश उड़ गए। सबसे अधिक हैरान वह व्यापारी हुए, जो न तो नल का कनेक्शन लिए हैं और न सरकारी तौर पर मिल रहे पानी का उपयोग कर रहे हैं। नोटिस मिलने के बाद दौड़े-भागे व्यापारी जल संस्थान पहुँचे तो विभाग ने पुराने ़कानून का हवाला दे दिया। विभाग का कहना है कि कनेक्शन न लेने वाले भी यदि पाइप लाइन के 100 मीटर के दायरे में आते हैं तो उन्हें जलकर देना अनिवार्य है। वॉटर सप्लाई सीवेज ऐक्ट 1975 में इसका स्पष्ट प्राविधान किया गया है। इसके बाद राजनैतिक दल से लेकर व्यापारी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया। मण्डलायुक्त से भी शिकायत की गई, लेकिन ़कानून का हवाला देकर अधिकारी बैकफुट पर खड़े हो गए। जब कोई रास्ता नहीं बचा तो व्यापारी मुकेश गुप्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी। इस मामले में न्यायालय टिप्पणी की है कि जल संस्थान जिस ़कानून का हवाला दे रहा है, वह लखनऊ में लागू हो सकता है, जिससे आरोपित जलकर अवैध है। न्यायालय ने जल संस्थान को 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

बीच में बॉक्स

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'जागरण' ने उठाया था मामला

बिना कनेक्शन के ही जल संस्थान द्वारा व्यापारियों की आरसी काटने के मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। 3 जून के अंक में 'न नल का कनेक्शन, न सरकारी पानी ले रहे, फिर भी काट दी लाखों की आरसी' शीर्षक से खबर प्रकाशित की, जिसके बाद झाँसी व्यापार मण्डल उत्तर प्रदेश द्वारा इस मामले को लेकर जल संस्थान के अधिकारियों, मण्डलायुक्त को ज्ञापन दिए और आन्दोलन की चेतावनी दी। उधर, विधायक रवि शर्मा ने नगर विकास मन्त्री को भी मामले से अवगत कराया तो कौंग्रेस नेता प्रदीप जैन आदित्य ने भी अधिकारियों का घेराव किया।

फोटो : 4 बीकेएस 5

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झाँसी : बैठक में जल संस्थान के ख़्िाला़फ न्यायालय जाने की रणनीति बनाते व्यापारी। -जागरण

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30 पीड़ित व्यापारी भी जाएंगे न्यायालय

0 एक साथ दायर करेंगे रिट

0 बैठक में बनाई रणनीति

झाँसी : जल संस्थान द्वारा जारी की गई आरसी के ख़्िाला़फ शुरू से संघर्ष कर रहे झाँसी व्यापार मण्डल उत्तर प्रदेश के बैनर तले आज पीड़ित व्यापारी इकट्ठा हुए। बैठक में न्यायालय से मिली फौरी राहत पर चर्चा करने के साथ ही सभी व्यापारियों ने न्यायालय में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया। याचिका अलग-अलग दाखिल की जाएंगी।

झाँसी व्यापार मण्डल उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्ष सन्तोष साहू की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में 30 से अधिक ऐसे व्यापारी भी शामिल हुए, जिनके खिलाफ जल संस्थान ने आरसी जारी की है। प्रान्तीय अध्यक्ष ने बताया कि व्यापारी मुकेश गुप्ता ने जल संस्थान के ख़्िाला़फ हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें न्यायालय ने जल संस्थान द्वारा आरोपित जलकर वसूली को कानून संगत नहीं मानते हुए जल संस्थान से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर भी रोक लगाई है। बैठक में अन्य व्यापारियों ने भी जल संस्थान द्वारा जारी आरसी के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल करने पर चर्चा की गई, जिस पर 30 पीड़ित व्यापारियों ने सहमति जताई। तय हुआ कि सभी व्यापारी एक ही दिन में एक ही अधिवक्ता के माध्यम से अलग-अलग याचिका दाखिल करेंगे। इस अवसर पर प्रान्तीय महामन्त्री नीरज स्वामी, मुकेश अग्रवाल, संजीव मेहता, भगवती प्रसाद साहू, संजय अग्रवाल, अनय अग्रवाल, विवेक जैन, रंजीत सिंह, जितेन्द्र अग्रवाल, रामबाबू साहू, राकेश टकसारी आदि उपस्थित रहे। चौधरी फिरोज ने संचालन व संयोजक राघव वर्मा ने आभार व्यक्त किया।

फाइल : राजेश शर्मा

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