खतरे का निशान लाँघी सिन्ध नदी, प्रभावित हुआ रेल मार्ग
फोटो : 4 जेएचएस 12 झाँसी : खतरे के निशान से ऊपर बह रही सिन्ध नदी के पुल से गुजरती ट्रेन। :::
फोटो : 4 जेएचएस 12
झाँसी : खतरे के निशान से ऊपर बह रही सिन्ध नदी के पुल से गुजरती ट्रेन।
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फोटो : 4 जेएचएस 10
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झाँसी : सिन्ध नदी के ऊपर पहुँच कर हालात का जायजा लेते डीआरएम सन्दीप माथुर।
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- कण्ट्रोल रूम से रातभर रेल ट्रैक की स्थिति देखते रहेअधिकारी
झाँसी : लगातार 25 घण्टे हुई बारिश ने जन जीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मण्डल के डबरा-ग्वालियर रेलखण्ड की सिन्ध नदी पर बने रेलवे के पुराने पुल से पानी खतरे के निशान से ऊपर जा पहुँचा। इसके बाद आधी रात को झाँसी-दिल्ली रेल ट्रैक पर ट्रेन संचालन बन्द कर दिया गया। वहीं, रेल अधिकारी रात भर कण्ट्रोल रूम में बैठकर स्थिति पता करते रहे। लगभग 2 घण्टा बन्द रहे ट्रैक को रेलवे प्रशासन की ओर से फिर से खेल दिया गया है। हालाँकि अभी भी सिन्ध नदी खतरे के निशान से ऊपर ही बह रही है।
अगस्त की पहली तारीख से ही शुरू हुई बारिश ने झाँसी के आसपास के इलाकों में ताण्डव मचा रखा है। भारी बारिश के चलते दिल्ली मार्ग के कोटरा-डबरा के बीच पड़ने वाली सिन्ध नदी उफान पर है। यहाँ सड़क यातायात 2 दिन से प्रभावित है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही सिन्ध नदी ने रेलवे के पुराने पुल को भी अपनी चपेट ले लिया, जिसके चलते मंगलवार को झाँसी-दिल्ली रेल ट्रैक पर ट्रेन संचालन रात 11.40 से 2.00 तक रोकना पड़ा। इस दौरान मण्डल से होकर आगरा, मथुरा और दिल्ली की ओर जाने वालीं 25 सवारी गाड़ी और 12 मालगाड़ी विलम्ब से चलीं। हालाँकि पुराने पुल की अपेक्षा नये पुल की ऊँचाई अधिक होने के चलते दिल्ली-झाँसी रेल लाइन पर ट्रेन संचालन सुचारू रहा। इधर, रेलवे पुल पर जल स्तर बढ़ने की खबर मिलने पर मण्डल रेल प्रबन्धक सन्दीप माथुर और परिचालन से जुड़े रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी आधी रात को मुख्य कण्ट्रोल रूम जा पहुँचे। यहाँ से रेलमार्ग की पल-पल जानकारी जुटाई जाती रही। सुबह मण्डल रेल प्रबन्धक परिचालन और अभियन्त्रिकी से जुड़े अधिकारियों के साथ सिन्ध नदी के पुल पर जा पहुँचे और अभियन्त्रिकी विभाग के अधिकारियों को ट्रैक और पुल पर बारीकी से नजर बनाए रखने के निर्देश दिए।
फाइल : वसीम शेख
समय : 08 : 00
4 अगस्त 2021