कोटेदार लगा रहे गुहार, दुकान वापस ले लो सरकार

लोगो : जागरण विशेष ::: - न के बराबर मिल रहा कमिशन, नियम मानने के लिए जेब से देना होगा पैसा - ग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 01:00 AM (IST)
कोटेदार लगा रहे गुहार, दुकान वापस ले लो सरकार
कोटेदार लगा रहे गुहार, दुकान वापस ले लो सरकार

लोगो : जागरण विशेष

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- न के बराबर मिल रहा कमिशन, नियम मानने के लिए जेब से देना होगा पैसा

- गलियों से बाहर चौड़ी सड़क पर राशन की दुकान लाने के शासनादेश जारी

झाँसी : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा ़कानून लागू होने के बाद कुछ सरकारी राशन विक्रेताओं के बुरे दिन आ गए हैं। आलम यह है कि कुछ दुकान को विभागीय कार्यवाही में बन्द किया गया तो कुछ विक्रेता कम कमिशन और घालमेल ना कर पाने के चलते दुकान चलाने से हाथ खड़े कर चुके हैं। और जो दुकानदार हिम्मत कर दुकान चलाने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर सरकार ने ऐसा नियम लागू कर दिया है जिससे दुकान चलाना नामुमकिन-सा हो रहा है। इस शासनादेश के बाद गली-मोहल्लों में खुली दुकानें जल्दी ही बन्द हो जाएंगी।

दरअसल, जब से राशन वितरण का कार्य डिजिटल माध्यम से शुरू हुआ है तब से कई ऐसे कोटेदारों की नींद उड़ी हुई है, जो पहले सरकारी राशन को बा़जार में बेच कर अपना घर भर रहे थे। असल में इस खाद्य सुरक्षा ़कानून का उद्देश्य भी यही है कि ़गरीब के ह़क पर कोई भी डाका नहीं डाल सके। उक्त ़कानून का असर भी यह हुआ कि ़िजले के कुछ कोटेदारों ने राशन की दुकान चलाने से हाथ खड़े कर दिए और दुकान सरेण्डर करने के लिए आवेदन भी विभाग में दे दिए। वहीं, कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं, जिन्होंने सख़्ती के बाद भी राशन का खेल जारी रखने का प्रयास किया और नप गए। बता दें कि ़िजले में इस समय कुल 788 सरकारी राशन की दुकानें संचालित की जा रही हैं। एक वर्ष पहले इन दुकानों की संख्या 802 थी। इसके अलावा कुछ दुकाने इसलिए भी बन्द हो होती जा रही हैं कि कई साल से कोटेदारों को मिलने वाला कमिशन बढ़ाया ही नहीं गया।

ये मिलता है कमिशन

कोटेदारों को सरकारी राशन वितरण करने के बदले सरकार द्वारा कमिशन दिया जाता है। यानी, कोई कोटेदार एक किलो गेहूँ या चावल वितरित करता है तो उसे प्रति किलो पर 70 पैसे बतौर कमिशन मिलता है। बढ़ती महँगाई और घरेलू ख़्ार्च में यह कमिशन ऊँट के मुँह में जीरा के समान हो गया है।

ग्राहक की पसन्द निकाल रही कोटेदारों का दिवाला

राशन विक्रेताओं के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि अब कोई भी राशनकार्ड धारक देश के किसी भी दुकान से अपने हिस्से का राशन प्राप्त कर सकता है। ग्राहकों की यही सुविधा कोटेदारों पर भारी पड़ रही है। अब किसी भी दुकान से राशन ले लेता है और जिस दुकान कार्ड है उसका स्टॉक रखा रह जाता है। वितरण के बाद यह स्टॉक अगले माह में जोड़ दिया जाता है, जिससे कोटेदार को कमिशन भी नहीं मिल पाता।

गली में नहीं, मुख्य सड़क पर होगी दुकान

सरकार द्वारा जारी एक नियम इस वक्त कोटेदारों के लिए सिरदर्द बन गया है। दरअसल, सरकार स्टेट मालगोदाम बन्द कर मुख्य गोदाम से खाद्यान्न की आपूर्ति सीधे कोटेदार को करने जा रही है, लेकिन गली-मोहल्लों में कोटे की दुकान होने के चलते ट्रक नहीं जा पा रहे। इसी को लेकर अब सभी कोटेदारों को निर्देश दिया गया है कि वह अपनी दुकान मुख्य सड़क स्थापित करें। ऐसा नहीं करने वालों पर विभागीय कार्यवाही भी की जा सकती है। कोटेदारों का कहना है कि मुख्य मार्ग पर दुकान लेने में ही उनका सारा कमिशन चला जाएगा।

फाइल : वसीम शेख

समय : 20 : 00

22 अप्रैल 2021

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