गुलाम गौस खाँ भी रहे हैं गौहर अली मस्जिद के नमा़जी

फोटो : 13 बीकेएस 9 ::: झाँसी : मस्जिद गौहर अली, खण्डेराव गेट। -जागरण ::: - नई बस्ती में बने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 01:00 AM (IST)
गुलाम गौस खाँ भी रहे हैं गौहर अली मस्जिद के नमा़जी
गुलाम गौस खाँ भी रहे हैं गौहर अली मस्जिद के नमा़जी

फोटो : 13 बीकेएस 9

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झाँसी : मस्जिद गौहर अली, खण्डेराव गेट। -जागरण

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- नई बस्ती में बने अस्तबल में घोड़ा बाँध कर नमा़ज के लिए आते थे रानी लक्ष्मीबाई के सैनिक

झाँसी : अंग्रे़ज सेना को दिन में तारे दिखा देने वाले और महारानी लक्ष्मीबाई की फौज के अहम किरदार तोपची गुलाम गौस खाँ अपनी वतनपरस्ती के साथ ही ईमान के भी पक्के मुसलमान थे। उनकी ही पहल पर महारानी लक्ष्मीबाई की सल्तनत में खण्डेराव गेट अन्दर गौहर मस्जिद की तामीर की गई थी। बताया जता है कि इस मस्जिद में गुलाम गौस खाँ अक्सर नमा़ज अदा करने आया करते थे।

दरअसल, महारानी लक्ष्मीबाई की फौज में अहम ओहदे पर रहे गौहर अली की दिली तमन्ना थी कि वह अपनी ़िजन्दगी में एक मस्जिद की तामीर कराएं। बताया जाता है कि लगभग 129 साल पहले उन्होंने आज की गौहर मस्जिद की नींव अपने हाथ से रखी। बुजुर्ग बताते हैं कि गौहर अली को जितनी भी तनख्वाह रानी झाँसी से मिलती थी उसकी आधी रकम वे मस्जिद की तामीर में लगा दिया करते थे। कुछ लोग बताते हैं कि राजघराने ने कई बार गौहर अली को पेशकश की कि वह शाही खजाने से पैसा लेकर मस्जिद की तामीर करा लें, लेकिन ईमान के पक्के गौहर अली की गैरत ने गवारा नहीं किया कि वे अपनी मेहनत के अलावा किसी और इमदाद से मस्जिद की तामीर कराएं। यही वजह है कि पूरी मस्जिद बनने में काफी वक्त बीत गया। कई साल नौकरी करने के बाद मिले पैसे से आखिरकार उन्होंने मस्जिद तैयार करवा ली। कहा जाता है कि जब मस्जिद बनकर तैयार हुई तो उन्होंने मुख्य तोपची गुलाम गौस खाँ को इसकी इत्तेला की। उन दिनों महारानी लक्ष्मीबाई की फौज में शामिल फौजियों के घोड़े आज की नई बस्ती में बने अस्तबल में बँधा करते थे। अक्सर रम़जान में फौजी इसी मस्जिद में इफ्तार और नमा़ज अदा करने आया करते थे। कुछ लोगों का कहना है कि गुलाम गौस खाँ भी मस्जिद गौहर अली में नमा़ज अदा करने आया करते थे। बताया जाता है कि ये मस्जिद मिट्टी की जगह चूना और पत्थर से तामीर की गई है। यही वजह है कि आज भी मस्जिद गौहर की बुनियाद इतनी मजबूत है इसकी छत पर कई लोग एक साथ नमा़ज अदा करते हैं।

फाइल : वसीम शेख

समय : 10 : 00

20 अप्रैल 2021

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