आओ हँस लें : 19 अप्रैल 2021 के अंक के लिए

0 सन्ता- कल रात एक मच्छर मेरे कान के पास आकर बोला.. बन्ता- क्या बोला? सन्ता- भाईजी, नवरात्रि कब

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 07:36 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 07:36 PM (IST)
आओ हँस लें : 19 अप्रैल 2021 के अंक के लिए
आओ हँस लें : 19 अप्रैल 2021 के अंक के लिए

0 सन्ता- कल रात एक मच्छर मेरे कान के पास आकर बोला..

बन्ता- क्या बोला?

सन्ता- भाईजी, नवरात्रि कब खत्म हो रही है?

बन्ता- क्यों, उसे क्या करना?

सन्ता- मैंने भी उससे यही पूछा था। वह बोला- आजकल आपके खून में ऐल्कहॉल नहीं है - न तो पीने में म़जा आता है और न ही नशा चढ़ता है। बस इसलिए पूछ लिया।

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0 पहला दोस्त- कल रविवार था और पूरे शहर में लॉकडाउन, ऐसे में तुमने सारा दिन क्या किया?

दूसरा दोस्त- मैंने खाना बनाया, कपड़े धोये और बर्तन माँजे। और तुमने क्या किया?

पहला दोस्त : मैंने बेलन से मार खायी पर किसी भी काम को हाथ नहीं लगाया। यार ़जरा सोच, कोरोना और लॉकडाउन थोड़े दिनों में खत्म हो जाएगा मगर पत्‍‌नी को पता चल गया कि मैं ये सब भी कर लेता हूँ तो ़िजन्दगी बस इन्हीं कामों को करने में बीतेगी।

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0 मोनू- कल मैंने रॉकेट छोड़ा, जो सीधा सूरज से जा टकराया।

सोनू- क्या बात कर रहा है, फिर क्या हुआ?

मोनू- होना क्या था। फिर सूरज की मम्मी ने मुझे रुई के गद्दे की तरह धुन दिया।

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0 अध्यापक- बड़ी की अपेक्षा छोटी ची़जें बहुत कष्ट देती हैं।

गप्पू- सर आप सही कह रहे हैं। हम लोग पहाड़ पर तो बैठ सकते हैं, सुई की नोंक पर नहीं।

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0 बात खरी, लेकिन सही

क्या समय आ गया है यारों,

आजकल की पढ़ाई को तो स्वयं इम्तिहान से गु़जरना पड़ रहा है।

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