बर्दाश्त नहीं होगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबा़जारी

फोटो : ::: झाँसी : विकास भवन में कोविड-19 कोर कमिटि की बैठक को सम्बोधित करते ़िजलाधिकारी। -जागर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:05 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:05 PM (IST)
बर्दाश्त नहीं होगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबा़जारी
बर्दाश्त नहीं होगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबा़जारी

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झाँसी : विकास भवन में कोविड-19 कोर कमिटि की बैठक को सम्बोधित करते ़िजलाधिकारी। -जागरण

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0 नर्सिग होम बेड की संख्या छिपाएं नहीं, अधिक से अधिक बेड रखें आरक्षित

0 मरी़ज की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उसे चिकित्सालय से करें डिस्चार्ज

झाँसी : 'जनपद में कोरोना संक्रमण ते़जी से पैर पसार रहा है। इससे संक्रमित हो रहे मरी़जों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तैयारियों में तेजी लाएं, ताकि स्थिति को नियन्त्रित किया जा सके। सभी एल-1 हॉस्पिटल पूरी तैयारी के साथ संचालित हों। इनमें पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर ली जाए।' यह निर्देश ़िजलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने विकास भवन सभागार में आयोजित कोविड-19 कोर कमिटि की बैठक के दौरान अधिकारियों एवं चिकित्सकों को दिए।

बैठक को सम्बोधित करते हुए ़िजलाधिकारी ने कहा कि सूचना मिल रही है कि बा़जार में रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक कर इसकी कालाबा़जारी की जा रही है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इंजेक्शन की सरकारी दर पर बिक्री हेतु उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कोई इंजेक्शन की कालाबा़जारी करता है तो उसकी सूचना गोपनीय तरीके से ़िजला प्रशासन को दी जा सकती है। कोविड-19 मरी़जों की बढ़ोत्तरी को देखते हुए जनपद में एल-1 हॉस्पिटल सीएचसी बरुआसागर 100 बेड, सीएचसी बड़ागाँव 100 बेड, शेल्टर होम नगर निगम 100 बेड का संचालन शुरू कर दिया गया है। मेडिकल कॉलिज के कोविड चिकित्सालय में उन्हीं मरी़जों को भर्ती कराया जाए जो अति गम्भीर हैं। शेष मरी़जों को उपचार के लिए एल-1 व एल-2 हॉस्पिटल रेलवे चिकित्सालय के साथ ही अन्य प्राइवेट हॉस्पिटल, जो एल-1 व 2 श्रेणी की सुविधाएं दे रहे हैं, वहाँ भर्ती कराया जाए। उन्होंने सभी प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों से कहा कि कोविड मरी़ज के लिए चिकित्सालयों में अधिक से अधिक बेड आरक्षित किए जाएं, बेड की संख्या कतई छिपाएं नहीं। मरी़ज से निर्धारित शुल्क लेते हुए उनका उपचार किया जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, कैण्ट के सीईओ डॉ. विनोद विकनेश्वरन, एडीएम राम अक्षयवर चौहान, सीएमओ डॉ. जीके निगम, प्राचार्य (मेडिकल कॉलिज) डॉ. एनएस सेंगर, एसपी (सिटि) विवेक त्रिपाठी, नगर मैजिस्ट्रेट सलिल पटेल, एसीएम वान्या सिंह, डॉ. नीरज कुमार बनौरिया, डॉ. सुधीर कुलश्रेष्ठ, डॉ. एनके जैन, डॉ. आरआर सिंह, डॉ. अनु निगम आदि उपस्थित रहे।

होटल में भी क्वॉरण्टीन होंगे कोविड मरी़ज

कोरोना के मरी़जों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ़िजला प्रशासन ने अब होटल में भी कोविड मरी़जों को क्वॉरण्टीन कराने का निर्णय लिया है। ़िजलाधिकारी महानगर के होटल संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिए कि होटल में स्टाफ की संख्या सुनिश्चित कर लें, ताकि आने वाले दिनों में मरी़जों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्हें होटल में भर्ती कराकर उपचार पर रखा जा सके।

कोरोना जाँच रिपोर्ट की देरी बनी जी का जंजाल

- 1 सप्ताह बाद भी नहीं मिल पा रही लोगों को रिपोर्ट

- सरकारी केन्द्रों पर लम्बी कतार, तो प्राइवेट लैब से मिल रही जल्दी जाँच रिपोर्ट

झाँसी : जनपद में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के साथ ही कोरोना जाँच रिपोर्ट में हो रही देरी ने लोगों की चिन्ता बढ़ा दी है। समय से कोरोना जाँच रिपोर्ट न मिल पाने के कारण लोग असमंजस में हैं। सरकारी केन्द्रों पर जाँच के लिए लम्बी कतार लगी है, तो प्राइवेट लैब से लोगों को घर बैठे कोरोना जाँच रिपोर्ट देने की सुविधा दी जा रही है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने लोगों के माथे पर चिन्ता की लकीरें खींचने का काम किया है। पिछले 4 में ही 1,700 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। मरी़जों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोग खुद को सुरक्षित करने के लिए स्वयँ आगे आकर कोरोना जाँच करा रहे हैं। सरकारी केन्द्रों पर कोरोना जाँच नि:शुल्क की जा रही है। इसलिए अधिक से अधिक लोग सरकारी केन्द्रों पर जाकर अपनी जाँच करा रहे हैं, लेकिन पिछले कई दिनों से लोगों को जाँच रिपोर्ट के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जाँच कराने के बाद उन्हें 5 से 7 दिन तक का इन्त़जार करना पड़ रहा है। यह देरी उनकी एवं उनके परिवार की मुश्किल बढ़ाने का काम कर रही है। बड़ी बात यह कि इसके बाद भी यह तय नहीं है कि उन्हें 7 दिन बाद रिपोर्ट मिल ही जाएगी। इसलिए शंका होने पर वह दोबारा लाइन में लगकर जाँच करा रहे हैं। इधर, एक शिकायत और मिल रही है - जाँच ड्यूटि में लगाए गए कर्मचारी लोगों से अभद्रता भी कर रहे हैं। निजी लैब में शासन द्वारा निर्धारित किया गया 800 रुपए शुल्क देकर जाँच कराई जा रही है। वहीं, 300 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करने के बाद लैब कर्मी घर पर आकर सैम्पल ले रहे हैं और इसके अगले दिन ही जाँच रिपोर्ट दे रहे हैं।

जाँच कर्मी की गलती का लोग भुगत रहे खामियाजा

़जरा-सी लगती लोगों को कितना परेशान कर सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण हमारे सामने है। कोविड जाँच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित की गई टीमा में तैनात कुछ कर्मचारियों की गलती का खामियाजा जनपद के सैकड़ों लोग भुगत रहे हैं। दरअसल कोविड जाँच के दौरान स्वास्थ्य कर्मी एक फॉर्म भरते हैं जिसमें जाँच कराने वाले का सम्पूर्ण ब्यौरा दर्ज किया जाता है। इसमें मुख्य मोबाइल फोन नम्बर होता है। इससे जाँच का पता घर बैठे ऑनलाइन लगाया जा सकता है। यदि स्वास्थ्य कर्मी मोबाइल फोन नम्बर का एक भी अंक फॉर्म में गलत भरता है, तो फिर जाँच रिपोर्ट का पता लगाना टेढ़ी खीर साबित हो जाता है। इस सम्बन्ध में झाँसी कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए समीक्षा करने आए स्वास्थ्य मन्त्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कोरोना जाँच में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। यदि जरूरत पड़े तो टीम को पुन: प्रशिक्षण दिया जाए और कोरोना जाँच रिपोर्ट में किसी प्रकार की देरी न की जाए, लेकिन इसका कोई असर दिखता हुआ ऩजर नहीं आ रहा है।

24 घण्टे में दें कोरोना जाँच रिपोर्ट

पूर्व केन्द्रीय मन्त्री प्रदीप जैन आदित्य ने शासन को पत्र लिखकर जनपद के चिकित्सालयों में ऑक्सिजन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन की उचित व्यवस्था कराए जाने की माँग की है। पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व मन्त्री ने बताया कि शासन को भेजे पत्र के माध्यम से कोरोना जाँच रिपोर्ट 24 घण्टे के अन्दर उपलब्ध कराने एवं प्राइवेट लैब में टेस्टिंग की सुविधा बढ़ाकर शुल्क कम से कम निर्धारित करने की माँग की है। इस अवसर पर ़िजलाध्यक्ष भगवानदास कोरी, राहुल रिछारिया, राजेन्द्र शर्मा, नीता अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, अफजाल हुसैन, भरत राय आदि उपस्थित रहे।

फोटो हाफ कॉलम

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इन्होंने कहा

'जनपद में कोरोना सैम्पलिंग बढ़ाए जाने के कारण कोरोना जाँच रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। प्रतिदिन कोविड लैब में 10 ह़जार से अधिक लोगों के सैम्पल की जाँच कराई जा रही है। डेटा फीडिंग ऑपरेटर्स की कमी भी कार्य प्रभावित कर रही है। पहले 2 दिन में जाँच रिपोर्ट सम्बन्धित व्यक्ति के रजिस्टर्ड मोबाइल फोन नम्बर पर भेजी जा रही थी, अब 3 से 4 दिन का समय लग रहा है। यदि सैम्पिलिंग और बढ़ाई जाती है तो कोरोना जाँच रिपोर्ट देने में और समय लग सकता है।'

डॉ.जीके निगम

मुख्य चिकित्सा अधिकारी

नरेन्द्र सिंह

समय 7.15

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