मोबाइल फोन से दर्ज करायें एफआइआर

लोगो : न्यू़ज खास आपके लिए ::: 0 'ई-एफआइआर' के लिए यूपी कॉप मोबाइल ऐप गूगल प्लेस्टोर या ऐपल ऐप स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 01:02 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 01:02 AM (IST)
मोबाइल फोन से दर्ज करायें एफआइआर
मोबाइल फोन से दर्ज करायें एफआइआर

लोगो : न्यू़ज खास आपके लिए

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0 'ई-एफआइआर' के लिए यूपी कॉप मोबाइल ऐप गूगल प्लेस्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से डाउन लोड करना होगा

0 अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध एफआइआर कराने तथा रिपोर्ट प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी

झाँसी : यदि आपके साथ अचानक कोई घटना घट जाती है, तो परेशान न हों। पुलिस ने ऐसी घटनाओं में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध ई-एफआइआर कराने की सुविधा उपलब्ध करा रखी है। आप घर बैठे मोबाइल फोन के माध्यम से 'ई-एफआइआर' दर्ज करा सकते हैं।

वाहन चोरी, वाहन लूट, सामान्य चोरी, नकबजनी, स्नैचिंग, (पर्स, बैग, चेन, मोबाइल फोन, चोरी होने अथवा छिनने), साइबर अपराध, नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी जैसे अपराधों में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध मोबाइल फोन से एफआइआर पंजीकृत कराने तथा रिपोर्ट प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको यूपी कॉप मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से डाउन लोड करना होगा। एफआइआर के बाद शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन पर सूचना एसएमएस (शॉर्ट मेसिज सर्विस) द्वारा भेजी जायेगी। इसमें आपका नाम, मोबाइल फोन नम्बर होगा, जिसके माध्यम से मामले की सभी प्रकार की जानकारी ले सकते हैं। इस योजना से अपराध पंजीकृत होने, विवेचना स्थानान्तरित होने, आरोपी के गिरफ्तार होने, चार्जशीट व फाइनल रिपोर्ट लगने की पूरी जानकारी प्राप्त हो जायेगी।

लम्बा स़फर बचेगा, कार्यवाही होगी

जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में घटना होने पर पीड़ित थाने जाते हैं। वहाँ सुनवाई न होने पर लम्बा स़फर तय कर पुलिस कार्यालय आते हैं। यहाँ भी उन्हें काफी इन्त़जार करना पड़ता है। अधिकारियों द्वारा आदेश होने पर थाना पुलिस तो एफआइआर दर्ज कर लेती है, लेकिन पीड़ित को इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसके मामले में क्या प्रगति हुई है। अब आपको थाने अथवा पुलिस कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। घटना होने के बाद आप मौके पर खड़े होकर मोबाइल फोन के माध्यम से सूचना दे सकते हैं। पुलिसकर्मियों के द्वारा मामले में हीला-हवाली करने पर मोबाइल फोन से ही अधिकारियों से बातचीत कर सकते हैं। बताते चलें कि ई-एफआइआर रजिस्टर्ड होने पर पुलिस अधिकारी मामले पर निगाह रखते हैं। थाना प्रभारी को प्रत्येक रजिस्टर्ड एफआइआर की विवेचना कि जानकारी सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी को देनी होती है।

सूचना मिलते ही सक्रिय हो जाती है पुलिस

पीड़ित द्वारा ऑनलाइन मामला दर्ज किए जाते ही स्थानीय पुलिस सक्रिय हो जाती है। अज्ञात अपराधी की तलाश में एसओजी, थाना पुलिस, साइबर सेल की टीम को जुटना होता है। कुछ समय निकल जाने पर आपको लगता है कि विवेचना अधिकारी गम्भीर नहीं हैं, तो ऐप के माध्यम से ही आप अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं।

बॉक्स में

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यूपी कॉप मोबाइल ऐप की अन्य सुविधाएं

- ई-प्राथमिकी पंजीकरण

- प्राथमिकी देखना

- खोई वस्तु का पंजीकरण

- वरिष्ठ नागरिक की सहायता

- दिव्यांग की मदद

- खराब व्यवहार की शिकायत

- फाइल की स्थिति की जानकारी

- आपातकालीन हेल्प लाइन

- चरित्र प्रमाण पत्र

- घरेलू सहायता सत्यापन

- किरायेदार का सत्यापन

- जुलूस अनुरोध करना

- गिरफ्तार आरोपी की सूचना

- साइबर जागरूकता

- हड़ताल पंजीकरण अनुरोध करना।

फाइल : दिनेश परिहार

समय : 7:15

14 जनवरी 2020

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