6 माह में भी स्वीकृत नहीं हो रही शिक्षकों की छुट्टी

- बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सुस्त कार्यशैली हुई उजागर, 2 दिन में होने वाला कार्य 200 दिन म

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 10:37 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:37 PM (IST)
6 माह में भी स्वीकृत नहीं हो रही शिक्षकों की छुट्टी
6 माह में भी स्वीकृत नहीं हो रही शिक्षकों की छुट्टी

- बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सुस्त कार्यशैली हुई उजागर, 2 दिन में होने वाला कार्य 200 दिन में नहीं हो रहा

- महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) ने जताई नारा़जगी, निर्धारित समयान्तर्गत अवकाश स्वीकृत करने के दिए निर्देश

झाँसी : यदि आपसे कोई पूछे कि आकस्मिक अवकाश (सीएल) कितने दिन में स्वीकृत हो जाना चाहिए तो आप कहेगे- '1 या 2 दिन में।' जानकर आश्चर्य होगा कि बेसिक शिक्षा विभाग में ऐसा नहीं हो रहा है। परिषदीय शिक्षकों के आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने में 3 माह से अधिक का समय लग रहा है। वहीं, चिकित्सकीय अवकाश तो 6 महीने में भी स्वीकृत नहीं हो रहा है। विभागीय अधिकारियों की ऐसी लचर कार्यशैली पर महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि अवकाशों की स्वीकृति निर्धारित समय के भीतर की जाए अन्यथा कार्यवाही होगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सुस्त कार्यशैली एक बार फिर उजागर हुई है। परिषदीय शिक्षकों के अवकाशों की स्वीकृति में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। इस पर महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरन आनन्द ने विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर असन्तोष व्यक्त करते हुए उन्हे नियमानुसार अवकाश स्वीकृत करने के निर्देश दिए है। महानिदेशक द्वारा प्रदेश के समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि शिक्षकों के चिकित्सा अवकाश के लिए मानव सम्पदा पोर्टल पर चिकित्सा प्रमाण-पत्र अपलोड होने के 2 दिवस में खण्ड शिक्षा अधिकारी आवेदन पर संस्तुति सहित अग्रसारण अथवा आपत्ति कर सकेंगे। इसके पश्चात बीएसए द्वारा अधिकतम 2 दिनों में अनुमोदन अथवा आपत्ति करने की व्यवस्था की गई है किन्तु प्रदेश के कई विकास खण्डों में 200 से अधिक दिनों अवकाश का आवेदन लम्बित ही रहता है। वहीं आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति/अस्वीकृति 1 दिन में करने के निर्देश दिए गए है किन्तु कई विकासखण्डों में 100 से अधिक दिनों तक आकस्मिक अवकाश पर कोई कार्रवाई ही नहीं होती है। बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) भी 50 दिनों से अधिक का समय लग रहा है। महानिदेशक ने इतने दिनों तक अवकाशों सम्बन्धी आवेदनों को लम्बित रखने पर नारा़जगी व्यक्त करते हुए कहा है कि अगले माह से इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। यही नहीं, कई खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के आवेदन पर बिना किसी टिप्पणी के ही उसे अस्वीकृत कर दिया जा रहा है। महानिदेशक ने निर्देश दिए है कि बिना टिप्पणी के आवेदन अस्वीकृत नहीं किया जाएगा यह अपारदर्शिता का द्योतक है।

4 दिन तक का सीएल स्वीकृत करेगे हेडमास्टर

आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति के मामले में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। खण्ड शिक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से 1 दिन के भी आकस्मिक अवकाश (सीएल) की स्वीकृति कर रहे हैं। महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरन आनन्द ने निर्देश दिए है कि शिक्षकों, शिक्षामित्रों के 4 दिवस का आकस्मिक अवकाश प्रधानाध्यापक एवं 4 दिवस से अधिक के सीएल को खण्ड शिक्षा अधिकारी स्वीकृत करेंगे।

अवकाश के लिए शुरू की गई है ऑनलाइन व्यवस्था

बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश की स्वीकृति के लिए शिक्षकों को अधिकारियों और बाबुओं (लिपिकों) के चक्कर काटने पड़ते थे। अवकाश स्वीकृति में भ्रष्टाचार भी होता था। इन्हीं शिकायतों के मद्देऩजर विभाग ने शिक्षकों के सभी प्रकार के अवकाश के आवेदन ऑनलाइन मानव सम्पदा पोर्टल पर ही लेने की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी है किन्तु अभी कई शिक्षक मानव सम्पदा पोर्टल पर अवकाश नहीं ले पा रहे है। महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) ने सभी शिक्षकों को अवकाश हेतु आवेदन पोर्टल पर ही करने के निर्देश दिए है।

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं दिव्यांगजन : डॉ. दीपक

- समग्र शिक्षा अभियान समेकित शिक्षा द्वारा अन्तरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर आयोजित की गई गूगल मीट

झाँसी : अन्तरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर समग्र शिक्षा अभियान समेकित शिक्षा द्वारा गूगल मीट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप निदेशक दिव्यांगजन कल्याण विभाग डॉ. दीपक शुक्ला ने सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए संचालित की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अभिभावकों से शासकीय योजनाओं का अधिकाधिक लाभ उठाने की अपील की।

इससे पहले गूगल मीट प्रारम्भ होने पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय अठौंदना की कक्षा 8 की दृष्टिबाधित छात्रा ज्योति ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया। मीट में खण्ड शिक्षा अधिकारी (मोंठ) दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा हेतु सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे है। जिला समन्वयक (सामुदायिक सहभागिता) नवीन प्रकाश दुबे ने बताया कि दिव्यांग बच्चों का चिह्नीकरण कर उनका विद्यालयों में नामांकन कराया गया है। ़िजला समन्वयक (समेकित शिक्षा) रत्नेश त्रिपाठी ने कहा कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ उन्हे आवश्यक सहायक उपकरण भी विभाग वितरित किए जाते है। समय-समय पर शिविर आयोजित कर दिव्यांग बच्चों का परीक्षण किया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से अवश्य जुडे़ रहे। गूगल मीट में स्पेशल एजुकेटर सर्वेश सक्सेना, हरगोविन्द सिंह, चन्दन त्रिपाठी, आशीष तिवारी, देवेन्द्र त्रिवेदी, अर्चना, ऊषा वर्मा, रविन्द्र चौरसिया, घनश्याम भारती, स्नेहलता, राणा प्रताप सिंह, शिक्षक डॉ. अचल सिंह, महेन्द्र तिवारी सहित अनेक दिव्यांग बच्चे एवं उनके अभिभावक आदि शामिल हुए।

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