आज बदलेगी परिवर्तन की तारीख
समरी पैरा ::: झाँसी : मॉनसून की विदाई के साथ अक्टूबर माह की पहली तारीख से कई परिवर्तन देखने को म
समरी पैरा
:::
झाँसी : मॉनसून की विदाई के साथ अक्टूबर माह की पहली तारीख से कई परिवर्तन देखने को मिल सकेंगे। बालू खनन पर लगी रोक हटने से आशियाना बनाने का सपना थोड़ा सस्ता हो जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शुरूआती बिगुल भी आज से बज जाएगा। बीएलओ मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए घर-घर जाएंगे। जनपद की 20 प्रतिशत बड़ी दुकानों पर अब ऩकद खाद की बिक्री नहीं हो सकेगी।
अब कण्ट्रोल में आएंगे बालू के रेट
- 3 माह से बन्द चल रहा था बालू का खनन
- 1 अक्टूबर से खुल जाएंगे घाट
- खनिज विभाग ने नए घाट के ठेके देने की प्रक्रिया भी शुरू की
झाँसी : अपना आशियाना बना रहे लोगों को अब थोड़ी राहत मिल सकती है। 3 माह से बन्द चल रहे बालू घाट आज से खुल जाएंगे। बालू खनन शुरू होने से रेट में गिरावट आने की सम्भावना है। उधर, खनिज विभाग ने शेष बालू घाट की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर मॉनसून के 3 माह नदी से बालू के खनन पर पाबन्दी लगा दी जाती है। 1 जुलाई से बन्द होने वाले घाट 1 अक्टूबर से खुलते हैं। इस दौरान उन्हीं स्टॉक से बालू की बिक्री होती है, जिनका लाइसन्स खनिज विभाग द्वारा जारी किया जाता है। इस बार लगभग आधा दर्जन स्टॉक से बालू की बिक्री की गई। चूँकि बालू खनन पूरी तरह से बन्द हो जाता है, इसलिए बालू के रेट भी आसमान पर पहुँच जाते हैं। 2 ह़जार में मिलने वाली एक ट्रॉली बालू मॉनसून के तीन माह में 3 से साढ़े तीन ह़जार तक में बिकती है। इसका असर अपना आशियाना बना रहे लोगों के बजट पर पड़ता है तो सरकारी कामकाज भी प्रभावित हो जाते हैं। बालू की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्र में चलने वाली विकास योजनाओं की गति भी धीमी पड़ जाती है। 1 अक्टूबर से बालू खनन का कार्य प्रारम्भ जाएगा, जिसके बाद बा़जार में बालू की आपूर्ति बढ़ जाएगी, जिससे रेट पर कण्ट्रोल हो सकेगा। वहीं, खनिज विभाग द्वारा नए घाट की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जल्द यह घाट भी बालू देने लगेंगे, जिससे लोगों को राहत मिल सकेगी।
40 दुकानों पर अब ऩकद नहीं मिलेगी खाद
0 किसानों को बनना होगा स्मार्ट
0 ऑनलाइन भुगतान करना होगा
झाँसी : 1 अक्टूबर से अगर अपना आशियाना बनाने वालों को राहत मिलेगी तो किसानों की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं। अब किसानों को ऩकद पैसा देकर खाद नहीं मिलेगी। खाद ख़्ारीदने के लिए किसानों को स्मार्ट फोन से ऑनलाइन भुगतान करना होगा। फिलहाल जनपद की 40 बड़ी दुकानों पर नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।
खाद की कालाबा़जारी पर नियन्त्रण करने के लिए सरकार नए-नए प्रयोग कर रही है। पहले यूरिया को नीम कोटेड किया, जिसके बाद खाद की किल्लत से काफी हद तक मुक्ति मिल सकी। ़फ़र्जी बिक्री पर रोक लगाने के लिए फिर सरकार ने पॉस मशीन से खाद की बिक्री प्रारम्भ की। लगभग सभी दुकानदारों ने पॉस मशीन से खाद की बिक्री शुरू करने के बाद सरकार ने अब नया आदेश जारी कर दिया है। कृषि निदेशक ने कैशलेस खाद बिक्री के आदेश दिए हैं। अब दुकानदार ऩकद खाद नहीं बेच पाएंगे। खाद लेने वाले किसानों को ऑनलाइन भुगतान करना होगा। यह भुगतान भी एटीएम कार्ड से नहीं होगा, बल्कि ऑनलाइन पेमेण्ट सुविधा उपलब्ध कराने वाली कम्पनि के ऐप मोबाइल फोन में अपलोड करना होगा, जिसके माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान किया जा सकेगा। ़िजला कृषि अधिकारी केके सिंह ने बताया कि जनपद में 202 लाइसन्सधारक खाद की बिक्री करते हैं। शासन ने फिलहाल 20 प्रतिशत दुकानों पर कैशलेस खाद बिक्री के निर्देश दिए थे, जिसके चलते जनपद की 40 बड़ी दुकानों को नई व्यवस्था के अनुरूप खाद बिक्री करने के लिए चिह्नित किया गया है। 1 अक्टूबर से इन दुकानों से ऩकद खाद की बिक्री बन्द कर दी जाएगी। अब किसानों को स्मार्ट फोन रखना होगा, तभी खाद मिल सकेगी। किसानों के लिए यह आसान नहीं होगा। यहाँ का अधिकांश किसान अशिक्षित है, जिसे डि़िजटल भुगतान की नई प्रक्रिया में शामिल कराना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
सहकारी समितियों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
कैशलेस खाद बिक्री को लेकर सहकारी समितियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। एक भी समिति ने कैशलेस व्यवस्था नहीं की, जबकि जनपद में सबसे अधिक खाद की बिक्री समितियों के माध्यम से की जाती है। ़िजला कृषि अधिकारी केके सिंह ने समितियों को भी नई व्यवस्था लाने के लिए एआर को-ऑपरेटिव को पत्र लिखा है।
पंचायत चुनाव की तैयारियों का शंखनाद
0 आज से शुरू होगा मतदाता सूची का वृहद पुनरीक्षण अभियान
0 घर-घर जाएंगे बीएलओ
झाँसी : पंचायत चुनाव का कार्यक्रम भले घोषित नहीं किया गया है, लेकिन मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान से तैयारियों का शंखनाद हो जाएगा। गुरुवार से बीएलओ घर-घर जाकर नए मतदाताओं के नाम जोड़ेंगे, जबकि मृत हो चुके मतदाताओं के नाम काटेंगे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की पिछली प्रक्रिया नवम्बर व दिसम्बर 2015 में सम्पन्न हुई थी, जिसके अनुसार कार्यकाल दिसम्बर माह के अन्तिम सप्ताह में समाप्त हो रहा है। इसी वजह से नवम्बर माह में चुनाव प्रस्तावित थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब तक मतदाता सूची का पुनरीक्षण नहीं हो पाया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब वृहद पुनरीक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए प्रयागराज से मतदाता प्रारूप उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें तहसील वार वितरित कर दिए गए हैं। 1 अक्टूबर से मतदाता सूची का वृहद पुनरीक्षण अभियान प्रारम्भ हो जाएगा। जनपद में 759 मतदान केन्द्र हैं। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर 1 बीएलओ को लगाकर नवीन मतदाता सूची बनाई जाएगी। ऐसे मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जबकि 18 साल की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं के नाम सूची में शामिल किए जाएंगे। वर्ष 2015 में 8.84 लाख मतदाताओं ने पंचायत चुनाव में वोट डाले थे, जबकि इस बार मतदाताओं की संख्या 10 लाख के पार हो सकती है।
फाइल : राजेश शर्मा
30 सितम्बर 2020
समय : 5.45 बजे