मातृभाषा का सम्मान अपनी माँ की तरह करें : डॉ. अरविन्द कुमार

फोटो ::: 0 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस का हुआ आयोजन झाँसी : रानी लक्ष्मीबाई क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 09:40 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 09:40 PM (IST)
मातृभाषा का सम्मान अपनी माँ की तरह करें : डॉ. अरविन्द कुमार
मातृभाषा का सम्मान अपनी माँ की तरह करें : डॉ. अरविन्द कुमार

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0 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस का हुआ आयोजन

झाँसी : रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में शनिवार को राजभाषा को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित हिन्दी दिवस के मौके पर कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार ने हिन्दी भाषा के महत्व को बताते हुये कहा कि हम सभी को अपनी मातृभाषा का सम्मान अपनी माँ की तरह करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आह्वान किया कि वो अपने दैनिक कार्य अधिक से अधिक हिन्दी में करें। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ. सुशील कुमार चतुर्वेदी (अधिष्ठाता कृषि) ने हिन्दी दिवस मनाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा की दुनिया में 27 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते हैं। हिन्दी फॉनेटिक भाषा है। इसका अर्थ है कि जो बोला जाए, वही लिखा भी जाए। ऐसी समृद्धिशाली राजभाषा की उपेक्षा अन्याय ही कहा जाएगा। कार्यक्रम में सचिव डॉ. राकेश चौधरी, सदस्य राजभाषा समिति डॉ. बीजी लक्ष्मी, डॉ. एसएस सिंह, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. एसएस कुशवाह आदि उपस्थित रहे। डॉ. अलका जैन ने संचालन किया।

किसानों के लिये खुलेंगे समृद्धि के द्वार

0 लोकसभा में पारित बिल पर रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने रखे विचार

झाँसी : हाल ही में लोकसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (सम्वर्धन और सरलीकरण), कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 पारित किये गये हैं। रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया यह बिल किसानों के लिये हितकारी साबित होंगे और इससे उनकी समृद्धि के द्वार खुलेंगे।

उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के पास होने से अब किसान बेहतर मूल्य पर अपने उत्पाद को अपनी पसन्द के स्थान पर बेच सकते हैं। इतना ही नहीं, किसान अपनी ़फसल का स्वत: सौदा दूसरे राज्यों के लाइसन्स धारक व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के माध्यम से भी एक व्यापार क्षेत्र में राज्य के अन्दर या दूसरे राज्यों के साथ व्यापार में शामिल कर सकते हैं। इससे उनका मुनाफा बढ़ेगा और विपणन लागत भी कम आएगी।

यह भी होंगे फायदे

- मशीनरी और तकनीक का लाभ किसानों को खरीदार देंगे।

- सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी।

- कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।

- एक देश-एक मार्केट की भावना को बढ़ावा मिलेगा।

- किसान कम्पनि के साथ समझौता कर सकेंगे।

- कृषि उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा तथा जोखिम कम होगा।

फाइल : पंकज कश्यप

दिनाँक : 19 सितम्बर 2020

समय : 9:05 बजे

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