बैंक ने विद्यालयों के खातों पर जड़े ताले
- लाखों की सरकारी धनराशि डम्प है ग्राम शिक्षा समितियों के खाते में - विभाग ने अप्रयुक्त धनराशि की
- लाखों की सरकारी धनराशि डम्प है ग्राम शिक्षा समितियों के खाते में
- विभाग ने अप्रयुक्त धनराशि की वापसी की कवायद की तो हुआ खुलासा
झाँसी : बेसिक शिक्षा विभाग की लाखों धनराशि बैंक में फँस गई है। बैंक ने विद्यालयों के खाते पर ताला जड़ दिया है। लम्बे अरसे से विद्यालयों के ग्राम शिक्षा समिति (वीईसी) के खातों का संचालन नहीं होने से बैंकों ने इन खातों को बन्द कर दिया है। विभागीय अधिकारियों ने इन खातों में पड़ी धनराशि की वापस की कवायद ते़ज की तो यह ह़की़कत सामने आई। अब बीएसए एवं सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी ने बैंकों के प्रबन्धकों से बन्द पड़े वीईसी खातों को पुन चालू करने का अनुरोध किया है।
राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा वीईसी खातों की अप्रयुक्त धनराशि को जनपदीय खाते में वापसी के लिए निर्देशित किया गया था। इसके बाद बीएसए ने जनपद के समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि विद्यालयों के वीईसी खाते की धनराशि वापस करने के लिए प्रधानाध्यापकों को चेक जारी करने के लिए कहें। बीईओ के निर्देश पर जब प्रधानाध्यापकों ने चेक जमा किये तो बैंकों ने चेक निरस्त कर दिए। इससे बेसिक शिक्षा विभाग को झटका लगा। अधिकारियों ने बैंक के प्रबन्धकों से सम्पर्क साधा तो बताया गया कि वीईसी खाते बन्द कर दिए गए हैं। इसके बाद बीएसए हरिवंश कुमार एवं सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी (सर्व शिक्षा अभियान) आरके सिंह ने जनपद के समस्त राष्ट्रीयकृत बैंक के प्रबन्धकों से वीईसी खातों को पुन चालू करने का अनुरोध किया है।
एसएमसी के अस्तित्व में आने से वीईसी पर लगा ग्रहण
परिषदीय विद्यालयों में हमेशा प्रयोग होते रहते हैं। इसी कड़ी में ग्राम शिक्षा समितियों के खातों को ठण्डे बस्ते में डाल कर विद्यालय प्रबन्ध समितियों (एसएमसी) का गठन किया गया। एसएमसी के नए खाते खोले गए। इसमें ग्राम प्रधानों को सह खातेदार से हटाकर अभिभावकों द्वारा चुने गए एसएमसी अध्यक्ष को प्रधानाध्यापकों के साथ सह खातेदार बनाया गया। एसएमसी के अस्तित्व में आने के बाद विद्यालयों के विभिन्न मदों की धनराशि नए खातों में भेजी जाने लगी। वर्षो से वीईसी खातों में लेनदेन नहीं होने से बैंकों ने उन्हें बन्द कर दिया लेकिन इनमें लाखों की सरकारी धनराशि अभी भी डम्प पड़ी है।