कारसेवकों के लिए घर से भोजन लाते थे विद्यार्थी

0 सरस्वती विद्या मन्दिर के विद्यार्थियों ने भी की थी कारसेवकों की सेवा झाँसी : विद्या भारती द्वारा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 08:35 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 08:35 PM (IST)
कारसेवकों के लिए घर से भोजन लाते थे विद्यार्थी
कारसेवकों के लिए घर से भोजन लाते थे विद्यार्थी

0 सरस्वती विद्या मन्दिर के विद्यार्थियों ने भी की थी कारसेवकों की सेवा

झाँसी : विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मन्दिर के विद्यार्थियों ने भी कारसेवकों की खूब सेवा की थी। छोटे-छोटे बच्चे घर से भोजन के पैकेट बनवाकर लाते थे, जिन्हें ठेले पर रखकर लक्ष्मी व्यायाम मन्दिर इण्टर कॉलिज पहुँचाया जाता था।

1990 में कक्षा 8 के छात्र चन्द्रभान राय उस समय दतिया गेट स्थित सरस्वती विद्या मन्दिर में छात्र संसद के प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने बताया कि प्रबन्धक डॉ. हरिमोहन गुप्ता, अध्यक्ष हरीश्चन्द्र नगरिया ने झाँसी की अस्थाई जेल में बन्द कारसेवकों के लिए छात्रों से भोजन की व्यवस्था करने का आह्वान किया। तय हुआ कि प्रत्येक बच्चा कम से कम 20 पूड़ी, आलू की सब़्जी व हरी मिर्च लाएगा। और यदि किसी की साम‌र्थ्य अधिक है तो अधिक भोजन ला सकता है। परिवार के लोगों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बच्चे खाने के पैकेट स्कूल लाते थे, जिसे एकत्र कर ठेले पर रखकर एलवीएम पहुँचाया जाता था। अब यह छात्र अपना-अपना कारोबार या नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उस समय की घटनाएं आज भी ़जहन में ता़जा हैं।

विद्यार्थियों को कराया गया था अयोध्या टूर

सरस्वती विद्या मन्दिर द्वारा प्रत्येक वर्ष देश-दर्शन के नाम से बच्चों के लिए पर्यटन कार्यक्रम तय किया जाता है। 1988 में 55 बच्चों का टूर अयोध्या गया था। इसमें छात्र संसद के सदस्य भी थे। उस समय बच्चों को वह ढाँचा भी दिखाया गया था, जिसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया। कारसेवापुरम् व कारसेवा के बारे में भी जानकारी दी गई थी। छात्रों को आन्दोलन की भी जानकारी दी गई थी।

ये बोले छात्र

0 भाजपा नेता चन्द्रभान राय ने बताया कि अयोध्या टूर करने के बाद से ही उन्हें राम मन्दिर आन्दोलन व कारसेवा की जानकारी हुई। झाँसी में जब कारसेवकों को रोका गया, तब अधिकांश छात्र छोटे थे, लेकिन राम मन्दिर का नाम सुनकर वह भी उत्साह से भर गए और कारसेवकों की सेवा में जुट गए।

0 कारोबारी अभिषेक भार्गव ने बताया कि राम मन्दिर निर्माण को लेकर बचपन से ही सुनते आ रहे थे। 1990 में वह कक्षा 8 के विद्यार्थी थे। जानकारी मिली कि कारसेवकों को झाँसी में बन्द किया गया तो उनके मन में भी श्रद्धा के भाव पैदा हुए। कारसेवकों की सेवा करने का तब जो अवसर मिला, उसकी याद आज भी भाव विह्वल कर देती है।

0 पत्रकार अमित श्रीवास्तव उस समय कक्षा 6 में पढ़ते थे। उन्होंने बताया कि विद्यालय के प्रबन्धक द्वारा कारसेवकों के लिए भोजन की व्यवस्था करने को कहा गया, जिसके बाद सभी बच्चे घर से भोजन के पैकेट लेकर आने लगे। तब लोगों में अद्भुत जोश था।

0 मनोज अग्रवाल ने बताया कि राम मन्दिर आन्दोलन की जानकारी पहले से थी। कारसेवकों के झाँसी में बन्द होने पर उनके साथ सभी छात्र सेवा में तत्पर हो गए। परिवार के लोगों ने भी पूरा सहयोग किया।

पुलिस ने दबाव बनाया तो फैला दी खीर

एलवीएम में बन्द कारसेवकों में से कई लोगों ने 30 अक्टूबर को तब तक के लिए उपवास रखा, जब तक अयोध्या में कारसेवा समाप्त नहीं हो जाती। जनता ने भोजन के साथ खीर भेजी, जिसके बाद पुलिस ने भोजन करने का दबाव बनाया। इससे विवाद की स्थिति बनने लगी तो कारसेवकों ने खीर मैदान में फैला दी।

तत्कालीन विधायक ने पत्नी से कहा- सभी के लिए खाना लाओ तभी खाऊँगा

भाजपा नेता किशोर वर्मा ने बताया कि तत्कालीन विधायक व पूर्व मन्त्री रवीन्द्र शुक्ल के साथ अस्थाई जेल में बन्द थे। अन्य बैरकों में साधु-सन्त बन्द थे। अगले दिन विधायक की पत्‍‌नी माधवी शुक्ल घर से भोजन का टिफिन लेकर आई। रवीन्द्र शुक्ल ने कहा कि जब तक सभी कारसेवकों के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं होती है, वह खाना नहीं खाएंगे। ऐसे तमाम उदाहरण रहे हैं, जो रामभक्तों के उत्साह को दर्शाते हैं।

सिद्धेश्वर मन्दिर में होगा सीताराम का जप

झाँसी : 5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी भव्य राम मन्दिर का शिलान्यास करेंगे, जिसका उत्सव झाँसी में भी मनाया जाएगा। महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक ने बताया कि ग्वालियर रोड स्थित सिद्धेश्वर मन्दिर में बुधवार की शाम 6 बजे शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। आतिशबाजी भी जलाई जाएगी। इससे पहले प्रात: सीताराम का जाप किया जाएगा। 4 अगस्त को युवा ब्राह्माण महासंघ कार्यालय पर सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया जाएगा।

़फोटो : 2 अगस्त के फोल्डर में

:::

गुरसराय से भी गए थे 2 दर्जन कारसेवक

गुरसराय (झाँसी) : आस्था के केन्द्र राममन्दिर आन्दोलन के तार गुरसराय से भी जुड़े हैं। यहाँ के लगभग 2 द़र्जन लोग कारसेवक के रूप में अयोध्या के लिये रवाना हुये थे, पर इन सभी लोगों को उरई में ही पुलिस ने पकड़ लिया था और जेल में डाल दिया था।

0 विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रसिद्ध नारायण यादव बताते हैं कि वह अपने 25 साथियों के साथ अयोध्या जा रहे थे। उरई में पुलिस ने पकड़कर जेल में बन्द कर दिया। उस समय बड़ा ही ख़्ाौ़फनाक मंजर था, लेकिन उन्हें खुशी है कि इतने सालों के इन्त़जार के बाद मन्दिर निर्माण का रास्ता सा़फ हो गया है।

0 आन्दोलन की गवाह रहे पार्षद रामेश्वर अग्रवाल ने मन्दिर निर्माण पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भगवान राम की नगरी अयोध्या से देश के लाखों हिन्दुओं की आस्था जुड़ी है। 3 दशक पूर्व हुए आन्दोलन में कई लोगों ने अपनी जान दी।

0 धनाई निवासी व्यापारी महेश अग्रवाल ने बताया कि सन् 1992 में अयोध्या आन्दोलन के दौरान वह कारसेवक के रूप में अयोध्या के लिए निकले थे, पर उरई में पुलिस ने सभी को गिऱफ्तार कर जेल में बन्द कर दिया था। मन्दिर निर्माण शुरु होने की ख़्ाबर के बाद वह खुश होकर कहते हैं कि 5 अगस्त की तारीख़्ा ऐतिहासिक होगी, जब देश के प्रधानमन्त्री राम मन्दिर का भूमि पूजन करेंगे।

फाइल : राजेश शर्मा

3 अगस्त 2020

समय : 7 बजे

chat bot
आपका साथी