बेटी को डॉक्टर बनाकर शहीद के सपने को पूरा करेगा परिवार

फोटो : ::: 0 गाँव में पसरा रहा मातमी सन्नाटा, हर जगह होती रही शहीद की बातें 0 शहीद के घर दिनभ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 01:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:07 AM (IST)
बेटी को डॉक्टर बनाकर शहीद के सपने को पूरा करेगा परिवार
बेटी को डॉक्टर बनाकर शहीद के सपने को पूरा करेगा परिवार

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0 गाँव में पसरा रहा मातमी सन्नाटा, हर जगह होती रही शहीद की बातें

0 शहीद के घर दिनभर लगा रहा श्रद्धांजलि देने वालों का ताँता

झाँसी : मौत तो एक दिन आनी है। लेकिन जो लोग देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राण की आहूति देते हैं, उनकी मौत पर न सिर्फ देश गर्व करता है, बल्कि उसके परिजनों के साथ ही गाँव, मोहल्ला के लोगों का सीना फक्र से तन जाता है। बदमाशों से लोहा लेते हुए फर्ज की खातिर जान देने वाले सिपाही शहीद सुल्तान सिंह के गाँव में आज भले ही मातमी मायूसी छायी रही, लेकिन हर किसी की जुबान पर उसकी बहादुरी और बचपन के किस्से थे। परिजनों ने भी मन में ठान लिया कि वे अपने शहीद पुत्र की पुत्री को पढ़ाकर डॉक्टर बनने का प्रयास करेंगे, ताकि सुल्तान सिंह का सपना साकार हो सके।

थाना सीपरी बा़जार क्षेत्र के ग्राम भोजला में जन्मे और शुरूआती पढ़ाई गाँव में करने के बाद मऊरानीपुर में नाना के घर उच्च शिक्षा प्राप्त कर पुलिस फोर्स जॉइन करने वाले शहीद सिपाही सुल्तान सिंह का बीती रात राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार ग्राम भोजला में कर दिया गया था। कानपुर में बदमाशों से लोहा लेते हुए उन्होंने कर्तव्य के पथ पर अपने आपको न्योछावर कर दिया था। आज ग्राम भोजला का माहौल बदला-बदला रहा। शहीद के घर पर दिनभर गाँव वालों के साथ ही नेताओं व अन्य लोगों का श्रद्धांजलि देने ताँता लगा रहा। गाँव वालों का कहना था कि शहीद सुल्तान बचपन से ही सरल स्वभाव, जाँबा़ज और पढ़ने में होशियार था। पिता शुरू से ही खेतीबाड़ी कर रहे हैं। आज पिता हरप्रसाद ने कहा कि उनको बहू के साथ ही छोटी नातिन के भविष्य की चिन्ता सता रही है। उन्होंने कहा कि पुत्र सुल्तान नातिन को डॉक्टर बनाने की बात कहता था। उसके इस सपने का साकार करने के लिए नातिन को खूब पढ़ाया जाएगा, ताकि वह डॉक्टर बन सके।

बीच में बॉक्स

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़जल्द ही शहीद के कन्धे पर लगने वाले थे स्टार

शहीद सुल्तान की ़िजन्दगी के आखिरी दिनों में बड़ा ही उलट फेर हुआ। 10 दिन पहले 24 जून को उसकी शादी की वर्षगाँठ थी। घटना वाले दिन 2 जुलाई को उसका जन्मदिन था। अजब संयोग बना कि जिस दिन वह पैदा हुआ, उसी दिन दुनिया को छोड़ गया। वर्ष 2006 के सिपाही सुल्तान पदोन्नत होकर हेड कौंस्टबल हो गए थे। परिजनों ने बताया कि एक-दो महीने के अन्दर ही वह दारोगा पद पर पदोन्नत होने वाले थे।

गाँव में शहीद के नाम द्वार, पार्क और मूर्ति लगेगी

बलिदानी सुल्तान सिंह को श्रद्धाँजलि देने वालों में सभी दलों के नेता भी पहुँचे। गाँव के प्रधान रिंकू यादव पूरे दिन शहीद के परिजनों के साथ रहे। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव ने श्रद्धाँजलि देते हुए गाँव में शहीद के नाम पर शहीद द्वार बनाने का आश्वासन दिया। भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष संजीव श्रृंगऋषि ने श्रद्धांजलि देते हुए परिवार को सरकार से हर सम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। कौंग्रेस के पूर्व केन्द्रीय राज्यमन्त्री प्रदीप जैन 'आदित्य' ने पूर्व ़िजला पंचायत सदस्य बलवान सिंह यादव के साथ शहीद के नाम पर पार्क बनाने और प्रतिमा लगवाने का आश्वासन दिया। बसपा के पूर्व विधायक कृष्णपाल राजपूत के अलावा कई और लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

उच्च शिक्षा प्राप्त है पत्नी

शहीद सिपाही की पत्नी उच्च शिक्षा प्राप्त है। उसने बीएड के साथ ही टीईटी की डिग्री प्राप्त की है। परिजनों ने बताया कि सुल्तान वर्ष 2006 में पुलिस में भर्ती हुआ था। परिजन चाहते हैं कि उनकी बहू को शहीद आश्रित के रूप में सरकार नौकरी दे। हालाँकि अभी यह बात कहना जल्दबाजी है, क्योंकि बहू का रो-रोकर बुरा हाल है और वह गहरे सदमे में है।

ऐसी मिले सजा, ताकि कोई फिर न कर सके कोई ऐसा दुस्साहस

बदमाशों ने ़िजस प्रकार पुलिस टीम पर हमला किया, इससे उनके दुस्साहस का अन्दा़जा लगाया जा सकता है। इसको लेकर परिजनों में बेहद गुस्सा भरा हुआ है। सुल्तान के पिता हरप्रसाद और ताऊ कालीचरण ने कहा कि अत्याचार करने वाला कोई भी हो, उसको स़जा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपियों पर शासन को ऐसी कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार का दुस्साहस न कर सके।

4 इरशाद-1

समय : 6.45 बजे

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