अब राज्यमन्त्री ने जताई प्रमोशन पर आपत्ति

0 जल संस्थान महाप्रबन्धक कार्यालय का मामला 0 जाँच कराने के लिए मण्डलायुक्त को लिखा पत्र झाँसी :

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 06:11 AM (IST)
अब राज्यमन्त्री ने जताई प्रमोशन पर आपत्ति
अब राज्यमन्त्री ने जताई प्रमोशन पर आपत्ति

0 जल संस्थान महाप्रबन्धक कार्यालय का मामला

0 जाँच कराने के लिए मण्डलायुक्त को लिखा पत्र

झाँसी : आरोप-प्रत्यारोप में घिरे जल संस्थान के एक प्रमोशन को लेकर अब राज्यमन्त्री तक ने हस्तक्षेप कर दिया है। उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारी द्वारा की गई शिकायत पर कोई कार्यवाही न किए जाने पर नाराजगी जताई तथा मण्डलायुक्त को जाँच कराते हुए कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखा है। राज्यमन्त्री के टारगेट पर भी लेखाधिकारी हैं, जिनकी अनेक शिकायतें हो चुकी हैं। इससे विभाग में एक बार फिर प्रमोशन को लेकर हलचलें तेज हो गई हैं।

जल संस्थान का महाप्रबन्धक कार्यालय गड़बड़ियों को लेकर अक्सर ही सुर्खियों में रहा है। सामग्री ख़्ारीद में घोटाले को लेकर तो विभाग विजिलेन्स जाँच का सामना कर ही रहा है। इसमें तीन दर्जन से अधिक अधिकारी व कर्मचारी जाँच के घेरे में हैं। यह मामले अभी खत्म भी नहीं हुए कि अब प्रमोशन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। दरअसल, जल संस्थान महाप्रबन्धक कार्यालय ने 16 अक्टूबर को 6 कर्मचारियों की पदोन्नति की। इसमें सबसे अधिक विवाद लेखाधिकारी पद पर किए गए प्रमोशन को लेकर खड़ा हुआ है। शासन को भेजे गए शिकायती पत्र में बताया गया कि 18 अप्रैल 2015 को मोहम्मद शफीक की पदोन्नति ऑडिटर पद पर की गई है। आरोप है कि मोहम्मद शफीक वरिष्ठता सूची में 5 वें स्थान पर हैं। इसके बाद भी उन्हें पदोन्नत किया गया। यही नहीं, ऑडिटर के 2 पद खाली थे, लेकिन उनका अकेले ही प्रमोशन कर दिया गया है। शिकायती पत्र में सिर्फ वरिष्ठता सूची को दरकिनार करने का ही आरोप नहीं लगाया गया, बल्कि कैडर में परिवर्तन करने का भी आरोप लगाया गया। यह परिवर्तन किया ही नहीं जा सकता। इसके पीछे विभाग का तर्क है कि वरिष्ठता सूची में शामिल अन्य कर्मचारियों ने ऑडिटर पद के लिए आवेदन नहीं किया, जबकि वरिष्ठता सूची में आगे के कई कर्मचारी लम्बे समय से ऑडिटर पद पर प्रमोशन की माँग करते रहे हैं। सीमा साहू द्वारा की गई शिकायत को शासन ने गम्भीरता से लिया और नगर आयुक्त को इसकी जाँच सौंप दी। जाँच रिपोर्ट आती, इससे पहले ही विभाग ने मोहम्मद शफीक को ऑडिटर पद से पदोन्नत करते हुए लेखाधिकारी बना दिया, जिसे लेकर अब विभाग में चर्चा चल रही है। अन्दरखाने में सवाल उठ रहे हैं कि जब ऑडिटर पद पर ही गलत नियुक्ति हुई तो अगला प्रमोशन किस आधार पर दिया गया है? अलग-अलग शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर अब राज्यमन्त्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी) ने मण्डलायुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने महाप्रबन्धक कार्यालय में तैनात लेखाधिकारी मो. शफीक के खिलाफ जाँच कराते हुए कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

बादलों में छिपता-निकलता रहा चाँद

0 भारत में असर नहीं होने पर भी लोगों में रही उत्सुकता

झाँसी : शुक्रवार-शनिवार की रात चन्द्रग्रहण का दीदार भले ही भारत में नहीं हुआ, लेकिन इस खगोलीय घटना को देखने के लिए लोगों में उत्सुकता रही। रात को लोग छत पर आकर चन्द्रमा को तलाशते रहे, लेकिन चन्द्रमा कभी बादलों में छिपता तो कभी ऩजर आता रहा। ़िजला धर्माचार्य विष्णु दत्त स्वामी ने बताया कि भारत में छाया का प्रतिबिम्ब ऩजर आने के कारण चन्द्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं है, इसलिए सूतक भी नहीं लगा और धार्मिक अनुष्ठान में कोई बाधा भी नहीं है।

फाइल : राजेश शर्मा

5 जून 2020

समय : 7.35 बजे

chat bot
आपका साथी