मेडिकल कॉलिज : गम्भीर रोगियों के लिये सेमी इमरजेंसी सेवायें शुरू

0 यहाँ आने वाले हर मरीज का होगा कोविड टेस्ट, लेकिन समानान्तर उपचार सुविधायें भी मिलेंगी झाँसी : गम

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 01:00 AM (IST)
मेडिकल कॉलिज : गम्भीर रोगियों के लिये सेमी इमरजेंसी सेवायें शुरू
मेडिकल कॉलिज : गम्भीर रोगियों के लिये सेमी इमरजेंसी सेवायें शुरू

0 यहाँ आने वाले हर मरीज का होगा कोविड टेस्ट, लेकिन समानान्तर उपचार सुविधायें भी मिलेंगी

झाँसी : गम्भीर बीमारियों से ग्रसित मरी़जों को अब मेडिकल कॉलिज में उपचार के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। यहाँ ऐसे रोगियों के लिये सेमी इमरजेंसी सेवायें शुरू कर दी गई हैं। सेमी इमरजेंसी में उन मरी़जों का चेकअप किया जा रहा है, जो गम्भीर बीमारी से जूझ रहे हैं। आने वाले सभी मरी़जों का रुटीन उपचार से पहले कोविड-19 का टेस्ट भी अनिवार्यता किया जा रहा है, लेकिन उनसे इसके लिये शासन से निर्धारित शुल्क की वसूली की जा रही है।

अभी तक मेडिकल कॉलिज में रोगियों के उपचार की जो व्यवस्था सुनिश्चित की गयी थी, उसके तहत इमरजेंसी में आने वाले हर रोगी का पहले सामान्य कोविड टेस्ट किया जाता था। इसकी रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा में कई बार गम्भीर रोगियों को ़जरूरी उपचार नहीं मिल पाता था। रिपोर्ट आने में भी 8 से 10 घण्टे तो लग ही जाते थे, जबकि सेमी इमरजेंसी में भर्ती किये जाने वाले गम्भीर रोगियों की जाँच नवीन तकनीक से की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 4-5 घण्टे में ही आ जाती है।

विदित हो कि अस्पताल में ओ.पी.डी. सेवायें पहले से ही बन्द हैं। हालाँकि टेली मेडिसिन से चिकित्सक ़फोन पर रोगियों को परामर्श व उपचार दे रहे हैं, लेकिन जहाँ रोगी गम्भीर हालत में होता है तो उसे इमरजेंसी में देखने व भर्ती करने की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही थी।

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने 25 मार्च से लॉकडाउन घोषित कर दिया था। इसका असर आवश्यक सेवाओं के साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर भी व्यापक रूप से पड़ा। प्रशासन से लेकर मेडिकल स्टाफ ने कोरोना के ख़्िाला़फ जंग छेड़ दी, जिससे उन मरी़जों की मुश्किल बढ़ गई, जो नियमित इलाज के लिए अस्पताल जाते थे। मेडिकल कॉलिज के साथ ही ़िजला अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवा को ही चालू रखा गया, जबकि निजी क्लीनिक के साथ ही तमाम नर्सिग होम बन्द हो गए। मरी़जों की समस्या को देखते हुए मेडिकल कॉलि़ज में टेलिमेडिसन की सुविधा प्रदान की, जिसे बाद में वीडियो कॉलिंग से भी जोड़ दिया गया। इन तमाम प्रयासों का लाभ अधिकांश मरी़जों को नहीं मिल पाया और दिक्कतें बढ़ने लगीं। शासन ने अब इसका भी प्रबन्ध कर दिया। 30 मई से मेडिकल कॉलि़ज में सेमी इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ हो गई है। यह सेवा उन मरी़जों के लिए शुरू की गई है, जो गम्भीर बीमारी से ग्रसित हैं। इससे मरी़जों को लाभ तो हुआ, लेकिन कोविड-19 के टेस्ट की बाध्यता ने मरी़जों की जेब पर असर डाला। सेमी इमरजेंसी में आने वाले मरी़जों के लिए कोविड-19 का टेस्ट अनिवार्य है, जिसके लिए मरी़जों को 1500 रुपए फीस जमा करनी पड़ रही है। हालाँकि यहाँ जो भी मरी़ज इमरजेंसी में उपचार के लिए आ रहे हैं, उनका कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है, पर यह नि:शुल्क है। बताते चलें कि शासन ने स्वास्थ्य सेवा के लिए जो गाइड लाइन जारी की है, उसके अनुसार उन सभी मरी़जों का कोविड टेस्ट होगा, जो मेडिकल कॉलिज सहित अन्य सरकारी अस्पताल में पहुँच रहे हैं।

मऱज जानकर रोगी को सेमी इमरजेंसी में बुलाते हैं चिकित्सक

मेडिकल कॉलि़ज की सेमी इमरजेंसी सेवा में कोई भी मरी़ज अपना इलाज करा सकता है। खास बात यह कि इसमें उन मरी़जों को बुलाया जा रहा है, जो टेलिमेडिसिन द्वारा चिकित्सक से अपना उपचार करा रहे हैं। ऐसे मरी़ज पहले ऑडियो-वीडियो कॉल के जरिए अपना मऱज बताते हैं। साधारण बीमारी में तो चिकित्सक उन्हें वॉट्सऐप पर दवा लिख बता देते हैं। यह भी बता देते हैं कि उन्हें इसका प्रयोग कैसे करना है, जबकि मऱज को गम्भीर देख वो सम्बन्धित मरी़ज को सेमी इमरजेंसी में बुलाते हैं।

मेडिकल कॉलिज की बढ़ी मुश्किलें

सेमी इमरजेंसी सेवा शुरू होने से मरी़जों को तो लाभ मिलने लगा, लेकिन मेडिकल कॉलि़ज प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, मेडिकल कॉलि़ज स्थित प्रयोगशाला में प्रतिदिन 400 कोविड-19 के सैम्पल टेस्ट किए जा सकते हैं, जबकि लैब में मेडिकल, ़िजला अस्पताल व जनपद के अन्य क्षेत्रों से भी सैम्पल भेजे जाते हैं। मेडिकल कॉलिज में ही प्रतिदिन 400 से अधिक पर्चे बन रहे हैं। सेमी इमरजेंसी के साथ ही यहाँ आने वाले सभी मरी़जों का कोविड टेस्ट अनिवार्य है, जिससे प्रयोगशाला पर लोड बढ़ गया है।

बीच में बॉक्स

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कोरोना से जंग के लिए यह हैं अस्पतालों के बन्दोबस्त

- कोविड मरी़ज के लिए मेडिकल कॉलि़ज में 200 बेड का हॉस्पिटल।

- 100 बेड का हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरुआसागर व बड़ागाँव में।

- 100 बेड का हॉस्पिटल गरौठा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैयार हो रहा है।

- 50 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड।

- रेलवे अस्पताल में 20 बेड का कोविड वॉर्ड।

- 5 प्राइवेट हॉस्पिटल में 50 बेड की सुविधा।

- प्रत्येक तहसील में क्वॉरण्टीन करने के लिए 100-100 बेड की सुविधा।

- पैरामेडिकल कॉलि़ज में 600 बेड की सुविधा।

- 1 ह़जार बेड की सुविधा शेल्टर होम व पैरा मेडिकल के अकैडमिक ब्लॉक में है।

नि:शुल्क होम्यो औषधालय पुन: चालू

झाँसी : आर्य समाज शहर द्वारा पुरानी पसरठ में संचालित नि:शुल्क होम्यो औषधालय को कोरोना ख़्ातरे के कारण बन्द करना पड़ा था, लेकिन अब बा़जार एवं प्रतिष्ठान खुलने लगे हैं। इसके फलस्वरूप सोमवार 8 जून प्रात: 9.30 बजे से नि:शुल्क होम्यो औषधालय प्रारम्भ हो जाएगा। रोगी इसका लाभ उठा सकते हैं।

फाइल : राजेश शर्मा

5 जून 2020

समय : 9 बजे

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