अंगूठी बेचकर लिया राजधानी का टिकिट, छूट गयी ट्रेन
फोटो : 28 एसएच 13 ::: - झाँसी में फँसा था कर्नाटक का परिवार - सामाजिक संस्था 'उम्मीद रोशनी की'
फोटो : 28 एसएच 13
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- झाँसी में फँसा था कर्नाटक का परिवार
- सामाजिक संस्था 'उम्मीद रोशनी की' ने टिकिट बुक कराकर मदद की
झाँसी : लम्बे समय से झाँसी में फँसा कर्नाटक का एक परिवार स्टेशन तक पहुँचा तो खुशी-खुशी, पर ट्रेन छूटने के साथ ही उनके घर लौटने की उम्मीद धुँधली हो गयी। अपना सब कुछ बेचकर टिकिट बुक कराने वाले इस परिवार के मुखिया ने तो मान ही लिया था कि अब ़िजन्दगी यहाँ से और कठिन होने जा रही है, पर सामाजिक संगठन 'उम्मीद रोशनी की' के सदस्यों ने इस परिवार का दर्द समझा और इनका टिकिट बुक कराया।
स्टेशन पहुँचे इस परिवार ने बताया कि वे कर्नाटक के रहने वाले हैं और लम्बे समय से झाँसी में फँसे हैं। ट्रेन शुरू होने के बाद उन्हें लगा था कि वे अपने घर पहुँच सकते हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी अंगूठी बेची, जिसके उन्हें 9 ह़जार रुपए मिले। 7 ह़जार रुपए में स्पेशल राजधानी ट्रेन से बंगलुरु तक का टिकिट बुक कराया, लेकिन कोई साधन न मिलने के कारण वे समय से स्टेशन नहीं पहुँचे और उनकी ट्रेन छूट गयी। स्टेशन पर यात्रियों को उनकी ़जरूरत की सामग्री नि:शुल्क बाँट रहे सामाजिक संगठन 'उम्मीद रोशनी की' संस्था के पदाधिकारियों को यह बात पता चली तो उन्होंने 30 मई का टिकिट बुक कराकर इस परिवार को घर पहुँचने की नयी उम्मीद दे दी।