पहूज नदी की गन्दगी पर भड़कीं उमा

फोटो : 17 एसएचवाई 6, 7 ::: 0 नगर आयुक्त को दिया 10 दिन का अल्टिमेटम 0 कहा- सुधार नहीं हुआ, तो

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 01:00 AM (IST)
पहूज नदी की गन्दगी पर भड़कीं उमा
पहूज नदी की गन्दगी पर भड़कीं उमा

फोटो : 17 एसएचवाई 6, 7

:::

0 नगर आयुक्त को दिया 10 दिन का अल्टिमेटम

0 कहा- सुधार नहीं हुआ, तो कार्यवाही के लिए राज्य सरकार को लिख दूँगी पत्र

0 लक्ष्मी तालाब का भी किया निरीक्षण

झाँसी : झाँसी प्रवास पर आई केन्द्रीय मन्त्री उमा भारती को लम्बे समय बाद गोद ली गई पहूज नदी की याद आई। निरीक्षण करने पहुँची उमा यहाँ पसरी गन्दगी पर बिफर गई और नगर आयुक्त को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने 10 दिन में सुधार न होने पर राज्य सरकार को कार्यवाही के लिए पत्र लिखने की चेतावनी दी। हालाँकि लक्ष्मी तालाब पर चल रहे काम पर उमा भारती ने सन्तोष व्यक्त किया।

केन्द्रीय मन्त्री उमा भारती का निरीक्षण कार्यक्रम सुबह से ही प्रारम्भ हो गया। लक्ष्मी तालाब के लिए निकलीं उमा लक्ष्मी दरवा़जे के पास पहुँची, तो गन्दगी देखकर पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता मन्त्रालय गन्दगी से जंग लड़ रहा है, जबकि उनके शहर में ही इतनी गन्दगी पसरी है। इसके बाद वह लक्ष्मी तालाब पहुँची। अधिशासी अभियन्ता नरेन्द्र वर्मा ने बताया कि एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट) का काम 70 प्रतिशत पूरा हो गया है, जबकि तालाब में जमा मलबा भी निकाला जा रहा है। उमा भारती ने काम की प्रगति पर सन्तोष व्यक्त किया। यहाँ से उमा का काफिला पहूज नदी पर पहुँचा। नदी पर चारों तरफ गन्दगी और बदबू से वह भड़क गई। नगर आयुक्त प्रताप सिंह भदौरिया व अपर नगर आयुक्त रोहन सिंह को आड़े हाथ लेते हुए उमा भारती ने कहा कि सांसद निधि से उन्होंने पैसा दिया था, जबकि शहर के बीच से निकली पहूज नदी को स्मार्ट सिटि में शामिल करते हुए विकास कराया जाना चाहिए था। नगर निगम ने इसकी देखरेख में लापरवाही की है। उन्होंने 10 दिन में सुधार न आने पर योगी सरकार को पत्र लिखकर कार्यवाही कराने की चेतावनी दी।

300 बच्चे पंजीकृत, 5 मिले

- अनुदानित मदरसे की खुली पोल

- 4 शिक्षक भी गैरहा़िजर मिले

झाँसी : बच्चों को दीनी शिक्षा देने वाले मदरसों के क्रियाकलाप ़िजला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के निरीक्षण में खुल गए हैं। 300 विद्यार्थियों वाले इस्लामिया ओरियण्टल कॉलिज छनियापुरा में अचानक जाँच की गई, तो महज 5 बच्चे ही पढ़ते मिले। 4 शिक्षक भी गायब थे, तो बाबू कई दिन से नहीं आ रहा था। मदरसे के ख़्िाला़फ कार्यवाही के लिए रजिस्ट्रार को पत्र लिख दिया गया है।

जनपद में लगभग 300 मदरसे हैं, जिनमें से 5 मदरसों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। यहाँ के शिक्षकों को सरकार 60 से 70 ह़जार रुपए प्रतिमाह वेतन देती है, तो बच्चों को भी सरकारी स्कूल की तरह सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, इसके बावजूद मदरसों की कार्यप्रणाली हमेशा से ही सवालों में रही है। 2 से 4 कमरों में एमए तक की क्लास लगाने वाले इन मदरसों पर आरोप रहता है कि यहाँ बच्चों का पंजीकरण तो अधिक दर्शाया जाता है, लेकिन पढ़ने कम ही बच्चे आते हैं। इसकी सच्चाई भी सामने आ गई। ़िजला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमित प्रताप सिंह ने आज प्रात: 10.20 बजे इस्लामिया ओरियण्टल कॉलिज छनियापुरा में अचानक छापा मारा। यहाँ एमए तक की कक्षाएं लगती हैं और 300 विद्यार्थियों का पंजीकरण पोर्टल पर अपलोड किया गया है, लेकिन छापे के दौरान पूरे कॉलिज में कक्षा 1 के महज 5 बच्चे ही मिले। अल्पसंख्यक अधिकारी ने स्टाफ हा़िजरी रजिस्टर तलब किया। कॉलिज में 20 कर्मचारियों का स्टाफ है, लेकिन मौके पर 4 शिक्षक व 1 बाबू गैरहा़िजर पाया गया। बाबू द्वारा पिछले 4-5 दिन से रजिस्टर पर साइन नहीं किए गए थे, जबकि छुट्टी का कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया गया था। आधुनिकीकरण शिक्षण व्यवस्था की जाँच करने पर चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। यहाँ 3 शिक्षकों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। निरीक्षण में 1 शिक्षक मिला, जबकि 2 शिक्षकों के दिसम्बर माह से ही रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं पाए गए। ़िजला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने हा़िजरी रजिस्टर जब्त करते हुए प्राचार्य का वेतन रोक दिया। इसके साथ ही रजिस्ट्रार को निरीक्षण रिपोर्ट भेजते हुए कार्यवाही की संस्तुति की।

उल्टे रखे मिले मिड-डे मील के बर्तन

सरकारी स्कूल की तरह अनुदानित मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील देने का प्राविधान है। निरीक्षण के दौरान इस्लामिया ओरियण्टल कॉलिज छनियापुरा में मिड-डे मील बनाने वाले बर्तन उल्टे रखे मिले। इसकी रिपोर्ट भी रजिस्ट्रार को भेज दी गई है।

फाइल : राजेश शर्मा

17 जनवरी 2019

समय : 8 बजे

chat bot
आपका साथी