पुरानी रंजिश में युवक की हत्या, तीन घायल

इमलो पांडेय पट्टी गांव में गुरुवार की रात पुरानी रंजिश को लेकर मनबढ़ों ने हमलाकर युवक को मौत के घाट उतार दिया। तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना चलते तनाव के मद्देनजर गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 May 2020 05:18 PM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 05:18 PM (IST)
पुरानी रंजिश में युवक की हत्या, तीन घायल
पुरानी रंजिश में युवक की हत्या, तीन घायल

जागरण संवाददाता, जफराबाद (जौनपुर): इमलो पांडेय पट्टी गांव में गुरुवार की रात पुरानी रंजिश को लेकर मनबढ़ों ने हमलाकर एक युवक को मौत के घाट उतार दिया। तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के चलते गांव पुलिस छावनी में बदल गई है। इस मामले में आठ नामजद व कुछ अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस तलाश में संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है।

उक्त गांव की अनुसूचित जाति बस्ती का प्रदीप कुमार गुरुवार की शाम इमलो बाजार में एक जनरल स्टोर पर कुछ सामान खरीदने गया था। जहां गांव की दूसरी बस्ती के कुछ युवकों से पुरानी रंजिश को लेकर कहासुनी होने लगी। हालांकि लोगों ने बीच-बचाव पर मामला शांत करा दिया। प्रदीप घर लौट आया। आरोप है कि इसके घंटे भर बाद शाम करीब सात बजे दूसरे पक्ष के करीब बीस लोग लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी आदि लेकर प्रदीप के घर पर चढ़ आए। कुल्हाड़ी से किए गए हमले में प्रदीप के भाई संदीप (29) पुत्र राम प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं प्रदीप कुमार, उसके चाचा शिव कुमार व चचेरा भाई मनीष कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। शुक्रवार की सुबह एएसपी डा. संजय कुमार, थाना प्रभारी जफराबाद मदन लाल ने गांव में आकर घटना के बारे में पीड़ितों व ग्रामीणों से पूछताछ की। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। मौत खींच लाई थी गुजरात से

संदीप गुजरात में रहकर मोटर मैकेनिक का काम करता था। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में धंधा बंद होने पर गुरुवार की सुबह संदीप अपने पिता के साथ घर आ गया था। उसे क्या पता था कि जिंदगी के लिए गुजरात से घर जा रहा है और मौत वहां उसका इंतजार कर रही है।

28 मई को होनी थी संदीप की शादी

संदीप की 28 मई को बक्शा थाना क्षेत्र के कोहड़े सुलतानपुर गांव में शादी होनी तय हुई थी। संदीप को दूल्हे के रूप में देखने के लिए राम प्रसाद का पूरा कुनबा बहुत उत्साहित था। मनबढ़ों के हमले ने घर के हंसी-खुशी के माहौल को मातम में बदल दिया है। स्वजनों की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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