पुलिस की कार्यशैली से खफा वकीलों का बेमियादी हड़ताल
जागरण संवाददाता जौनपुर कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति के तत्वावधान में वकीलों ने शुक्रवार को सा
जागरण संवाददाता, जौनपुर : कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति के तत्वावधान में वकीलों ने शुक्रवार को साथी के साथ बरसठी पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। अधिवक्ताओं ने पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
कहा कि थानाध्यक्ष बरसठी द्वारा अधिवक्ता विकास कुमार पांडेय व उनके परिवार पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया। इसके साथ ही अधिवक्ता से अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस मामले में समिति की तरफ से पूर्व में प्रशासन को अवगत कराया गया था। फिर भी मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई। कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र यादव ने कहा कि जनहित के लिए हमेशा लड़ाई लड़ने वाला यह अधिवक्ता संघ न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ता रहेगा। कहा कि जब तक थानाध्यक्ष बरसठी व दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है और फर्जी मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। इस दौरान पूर्व अध्यक्ष जगत नारायण तिवारी, अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह, उदय प्रताप सिंह, विजय प्रताप सिंह, जयंती प्रसाद मिश्र, बृजेश कुमार यादव, बजरंग बहादुर श्रीवास्तव, हीरालाल सोनिया, फूलचंद्र तिवारी, पल्टूराम आदि मौजूद थे। परिजनों ने थाने पर दिया धरना तो दर्ज हुआ मुकदमा
जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : जौनपुर के सरायख्वाजा थाने में तैनात हेडकांस्टेबल शशिकांत सिंह हत्याकांड का मुकदमा दर्ज नहीं करने से नाराज स्वजनों ने सपा और कांग्रेस नेताओं के साथ शुक्रवार को जमालपुर पहुंचकर थाने में धरना दिया। कहा कि चकिया और जमालपुर पुलिस की लापरवाही के चलते घटना के सात दिन बाद भी पुलिस हेडकांस्टेबल की हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इस दौरान लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले की जानकारी होने पर उच्चाधिकारियों ने तहरीर के आधार पर निर्देश देकर मुकदमा दर्ज कराया तो देर शाम को धरना समाप्त हुआ।
मृत हेडकांस्टेबल के भाई विजयकांत ने बताया कि चंदौली के चकिया थाना क्षेत्र के कौड़िहार गांव निवासी हेडकांस्टेबल शशिकांत सिंह की 28 नवंबर की शाम जमालपुर के शेरवां पहाड़ी पर ले जाकर कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी।