बिना खेत जोते कराई गई गेहूं की बोआई

फसल के अवशेष खाद के रूप में प्रयोग करने और पर्यावरण को सुरक्षित

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 03:43 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 03:43 PM (IST)
बिना खेत जोते कराई गई गेहूं की बोआई
बिना खेत जोते कराई गई गेहूं की बोआई

जागरण संवाददाता, जौनपुर: फसल के अवशेष खाद के रूप में प्रयोग करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को अभियान चलाकर जागरूक किया जा रहा है। विशेषज्ञ हैप्पी सीडर यंत्र से बिना खेत की जोताई किए सीधे गेहूं की बोआई के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उप निदेशक कृषि जय प्रकाश ने किसानों को सलाह दी है कि धान की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर से कराने के बाद तुरंत खेत को बिना जोते हुए गेहूं की बोआई करा दें।। यह यंत्र पराली को काटते हुए बोआई करता है। गेहूं की बोआई में धान की पराली यंत्र के फाल में फसती नहीं है इसलिए पराली को खेत में जलाने की जरूरत नहीं पड़ती है और न ही खेत की जोताई करने की आवश्यकता होती है। कुछ दिन बाद पराली खेतों में सड़कर खाद बन जाती है। एक हैप्पी सीडर से एक दिन में चार से पांच एकड़ खेत की बोआई की जा सकती है।

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