सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी समेत चार की गिरफ्तारी को वारंट जारी

व्यवहार में मित्र ने रहने के लिए मकान दिया जिसे विश्वासघात कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़प लिया। मामले में शनिवार को सीजेएम ने सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी समेत चार आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अग्रिम कार्रवाई के लिए 21 अक्टूबर तिथि तय की गई। मामला खुटहन थाना क्षेत्र का है। कोर्ट के आदेश पर खुटहन थाने में आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। आदेश के बावजूद आरोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 04:10 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 04:10 PM (IST)
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी समेत चार की गिरफ्तारी को वारंट जारी
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी समेत चार की गिरफ्तारी को वारंट जारी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : व्यवहार में मित्र ने रहने के लिए मकान दिया, जिसे विश्वासघात कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़प लिया। मामले में शनिवार को सीजेएम ने सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मी समेत चार आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अग्रिम कार्रवाई के लिए 21 अक्टूबर तिथि तय की गई। मामला खुटहन थाना क्षेत्र का है। कोर्ट के आदेश पर खुटहन थाने में आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। आदेश के बावजूद आरोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।

लाइन बाजार थाना क्षेत्र के नंद गांव निवासी हनुमान स्वरूप श्रीवास्तव ने न्यायालय में 156(3) के तहत अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया। कहा कि वादी ने भागमलपुर गांव स्थित अपना पुश्तैनी खाली मकान रहने के लिए आजमगढ़ निवासी स्वास्थ्य विभाग के कर्मी राजेंद्र प्रसाद तिवारी को घनिष्ठता के नाते दिया। राजेंद्र के सेवानिवृत्त होने के बाद वादी ने मकान खाली करने को कहा तो वह हीलाहवाली करने लगे।

वादी अपने पुत्र के साथ वहां गया व राजेंद्र से बात किया तो उसके पुत्र हेमंत, आलोक व पुत्री जया ने अपशब्द कहा। कहा कि मकान हम लोगों ने अपने नाम करवा लिया है। सारा कागज भी बनवा लिया है। धमकी भी दी। वादी ने खुटहन ब्लाक से परिवार रजिस्टर की नकल निकलवाई तो गांव के मकान नंबर 41 अ व 41 ब पर वादी व उसके परिवार का तथा 41 स पर आरोपित राजेंद्र व उसके परिवार वालों का नाम दर्ज है। वादी व आरोपित दोनों अलग-अलग बिरादरी के हैं। इसलिए पैतृक आवास में उनका नाम दर्ज होना असंभव है।

आरोपितों ने कूट रचना व जालसाजी करके अपना स्वामित्व मकान पर दर्ज करा दिया, जबकि वे आजमगढ़ के रहने वाले हैं और वहां के परिवार रजिस्टर में भी आरोपितों का नाम दर्ज है।

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