विद्यालयों में काम कराने से भाग रहे ग्राम प्रधान

आपरेशन कायाकल्प योजना से परिषदीय स्कूलों को कान्वेंट सरीखे संसाधन उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना हीला-हवाली की भेंट चढ़ गया है। शासन-प्रशासन के सख्त आदेश के बाद भी जहां अधिकांश स्कूलों में निर्माण शुरू नहीं किया गया वहीं जहां काम हो भी रहा है वहां प्रधानों व सेकेट्री में गति और रूचि नहीं दिख रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 05:12 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 05:12 PM (IST)
विद्यालयों में काम कराने से भाग रहे ग्राम प्रधान
विद्यालयों में काम कराने से भाग रहे ग्राम प्रधान

जागरण संवाददाता, जौनपुर: आपरेशन कायाकल्प योजना से परिषदीय स्कूलों को कान्वेंट सरीखे संसाधन उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना हीलाहवाली की भेंट चढ़ गई है। शासन-प्रशासन के सख्त आदेश के बाद भी जहां अधिकांश स्कूलों में निर्माण शुरू नहीं किया गया वहीं जहां काम हो भी रहा है वहां प्रधानों व सेकेट्री में गति और रुचि नहीं दिख रही है।

परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही विद्यालयों में 14 मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति कायाकल्प योजना से की जानी है। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों में ब्लैक बोर्ड, बदहाल बिल्डिग की मरम्मत, फर्नीचर, सुंदरीकरण आदि की कमी को पंचायत राज विभाग की मदद से पूरा किया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी, सीडीओ के नेतृत्व में शिक्षा विभाग, पंचायत सचिव व पंचायत विभाग के अधिकारियों की कई बार मीटिग हुई। ग्राम पंचायतें अपने विद्यालयों में पंचायत की धनराशि से विद्यालयों में ब्लैक बोर्ड, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, बाउंड्रीवाल, गेट, क्रियाशील शौचालय, छात्र-छात्राओं के लिए उनकी संख्या के अनुरूप अलग-अलग शौचालय बनवाना, रनिग वॉटर की व्यवस्था, सबमर्सिबल पंप, इंटरलॉकिंग टाइल्स, किचन एवं कक्षा, बाथरूम में टाइल्स, हैंडवॉश फैसिलिटी, इंटरनल विद्युत वायरिग, आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युतीकरण, फर्नीचर आदि कार्य करने को आदेशित किया गया।

इसके बाद भी अधिकांश विद्यालयों में कार्य नहीं शुरू किया गया। सूत्रों के अनुसार अधिकांश ग्राम प्रधान व सेकेट्री काम कराने से इसलिए कतरा रहे हैं कि उन्हें मिट्टी, खड़ंजा, पोखरा खोदाई आदि कार्यों जैसा फायदा नहीं होगा। इतना ही नहीं अधिकारियों व शिक्षकों की कार्य के गुणवत्ता पर नजर होने से उनकी मनमानी नहीं चल पाएगी। हीलाहवाली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन खुलने तक सिर्फ 171 स्कूलों में कार्य शुरू हो पाया था।

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विद्यालयों में कायाकल्प की प्रगति

प्राथमिक विद्यालय-2375

उच्च प्राथमिक विद्यालय-868

विद्यालयों की संख्या जहां कार्य चल रहा-1300

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रामनगर विकास खंड फिसड्डी

कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में काम कराने में जलालपुर व रामपुर विकास खंड सबसे अव्वल है। यहां 91-91 विद्यालयों में काम चल रहा जबकि रामनगर विकास खंड सबसे फिसड्डी है। यहां सिर्फ 15 विद्यालयों में ही काम हो रहा है।

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काम में आई है तेजी

आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों को 14 बिदुओं पर 30 सितंबर तक संतृप्त किया जाना है। डीएम द्वारा अक्टूबर माह से अनवरत कार्यों की समीक्षा की जा रही है। लॉकडाउन के बाद प्रवासी कामगारों को रोजगार देने की मंशा से मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक जुलाई से प्रतिदिन ब्लाकों पर जाकर समीक्षा की जा रही है। परिणाम है कि वर्तमान में 1300 से अधिक विद्यालयों में कार्य शुरू हो गया है, जबकि इससे पूर्व 171 विद्यालयों में ही कार्य हो रहा था।

-प्रवीन कुमार तिवारी, बीएसए

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