यूनिपोल के टेंडर में खेल, 1.50 करोड़ राजस्व की हुई क्षति

नगर पालिका परिषद जौनपुर में यूनिपोल विज्ञापन के टेंडर में हुए खेल का मामला सामने आया है। इसमें 1.50 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:00 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:00 PM (IST)
यूनिपोल के टेंडर में खेल, 1.50 करोड़ राजस्व की हुई क्षति
यूनिपोल के टेंडर में खेल, 1.50 करोड़ राजस्व की हुई क्षति

जागरण संवाददाता, जौनपुर : नगर पालिका परिषद जौनपुर में यूनिपोल विज्ञापन के टेंडर में हुए खेल का मामला सामने आया है। इसमें 1.50 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति हुई है। प्रशासन की तरफ से गठित जांच कमेटी में यह बात सामने आई है। इसके जिम्मेदार पांच अधिकारियों व कर्मियों की वजह से राजस्व को क्षति पहुंची है, लिहाजा उनके वेतन से वसूली की संस्तुति डीएम से की गई है।

नगर पालिका के सुक्खीपुर निवासी विश्वनाथ मिश्र ने डीएम को संबोधित प्रार्थना पत्र विधायक बदलापुर रमेश चंद्र मिश्र को 16 नवंबर 2018 को दिया। इसके बाद सीडीओ ने इसकी जांच एसडीएम सदर से कराई। उनकी जांच में यह बात सामने आई कि अधिशासी अधिकारी ने नगर पालिका कार्यालय से संबंधित जो भी टेंडर कराया, उनको किसी भी समाचार पत्र में प्रकाशित नहीं कराया। यह शासनादेश का स्पष्ट उल्लंघन है। इस पर दस जनवरी 2019 को तत्कालीन ईओ कृष्ण चंद्र ने स्पष्टीकरण दिया कि नियमों, शासनादेशों व संबंधित निदेशालय के निर्देशानुसार कार्रवाई की गई है, जिसमें किसी को कोई लाभ नहीं पहुंचाया गया है। शिकायत पूरी तरह से निराधार है। इसके बाद इस पर न्यायालयीय प्रक्रिया चल रही थी। फिर विश्वनाथ मिश्र ने 22 अक्टूबर 2019 को प्रमुख सचिव आयुक्त ग्राम विकास के समक्ष शिकायत की।

जांच में यह आया निष्कर्षटेंडर को बिना समाचार पत्र में प्रकाशित कराए ई-टेंडर स्वीकृत आदि की कार्रवाई कराने के दोषी व अनियमित टेंडर कार्रवाई को निरस्त करने संबंधित रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई कराए बिना पत्रावली दबाकर रखने के लिए दोषी उत्तरदायी कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक, लिपिक व तत्कालीन लेखाकार व अवर अभियंता शासनादेश का उल्लंघन कर व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने व पहुंचाने की मंशा से की गई है। ऐसे में 45 लाख रुपये प्रतिवर्ष की दर से पिछले तीन वित्तीय वर्षों की कुल क्षति 1.50 करोड़ से अधिक निर्धारित होती है। यही नहीं विज्ञापन कर की निर्धारित धनराशि करीब 22 लाख रुपये भी जमा नहीं की गई। ऐसे में इन अधिकारी व कर्मियों को पूर्ण: दोषी पाया गया। ऐसे में वित्तीय क्षति की वसूली इनके वेतन से करने की संस्तुति की गई। बोले जिम्मेदार..

जिलाधिकारी को मिले शिकायती पत्र के संबंध में पूरे प्रकरण की जांच की गई। इसमें करीब 1.50 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता पाई गई। जिसके लिए दोषी अधिकारी व कर्मियों के वेतन से राजस्व क्षति की वसूली की जाएगी। डीएम को रिपोर्ट भेज दी गई है।

-राजकुमार द्विवेदी, प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय।

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