नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की दशा सुधरने की जगी उम्मीद

नगर क्षेत्र के अधिकांश विद्यालय किराए के जर्जर भवनों में चल रहे हैं। तीन दशक से नियुक्ति प्रक्रिया बंद होने के कारण यहां शिक्षक भी नहीं हैं। कायाकल्प योजना के तहत परिषदीय स्कूलों को कान्वेंट की दौड़ में शामिल करने की मंशा वाली भाजपा सरकार ने नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों पर भी ध्यान दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:13 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:13 PM (IST)
नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की दशा सुधरने की जगी उम्मीद
नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की दशा सुधरने की जगी उम्मीद

जागरण संवाददाता, जौनपुर : नगर क्षेत्र के अधिकांश विद्यालय किराए के जर्जर भवनों में चल रहे हैं। तीन दशक से नियुक्ति प्रक्रिया बंद होने के कारण यहां शिक्षक भी नहीं हैं। कायाकल्प योजना के तहत परिषदीय स्कूलों को कान्वेंट की दौड़ में शामिल करने की मंशा वाली भाजपा सरकार ने नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों पर भी ध्यान दिया। वर्षों से उपेक्षित इन विद्यालयों को अपना भवन उपलब्ध कराने और शिक्षकों की कमी दूर करने की पहल से जनपद के संसाधन विहीन विद्यालयों की भी दशा सुधरने की उम्मीद जग गई है। नगरीय क्षेत्र में दस विद्यालय किराए के जर्जर भवन में संचालित हैं तो अधिकांश विद्यालय एकल व शिक्षक विहीन हैं।

प्रदेश सरकार कायाकल्प योजना के तहत परिषदीय स्कूलों को संसाधनों से लैस कर रही है। इस पर करोड़ों रुपये खर्च भी किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं मानक के अनुसार शिक्षकों की तैनाती के लिए नियुक्ति भी पिछले कई सालों से की जा रही है। दूसरी तरफ नगरीय इलाके में दो दशक से जहां नियुक्ति प्रक्रिया बंद है, वहीं किराए पर संचालित विद्यालय भवन भी जर्जर हो गए हैं। इनमें बैठने में शिक्षक व छात्र डरते हैं। हालांकि अब सरकार शहरों के प्राथमिक विद्यालयों को भी अपना भवन देने की तैयारी में है। इसके लिए नगर पालिका परिषद व आवास विकास परिषद से भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। जमीन उपलब्ध होते ही धन अवमुक्त कर विद्यालय भवनों का निर्माण किया जाएगा।

---------------------- कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में संसाधनों की व्यवस्था के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक में नगर पालिका के ईओ को निर्देश दिया है। इतना ही नहीं नगरीय इलाके में किराए के जर्जर भवन में चल रहे विद्यालयों को निजी भवन उपलब्ध कराने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है।

-डा. गोरखनाथ पटेल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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