दूसरे दिन भी थमा एंबुलेंस का पहिया, मरीजों को हुई परेशानी

जागरण संवाददाता मल्हनी (जौनपुर) जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 102 व 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:19 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:19 PM (IST)
दूसरे दिन भी थमा एंबुलेंस का पहिया, मरीजों को हुई परेशानी
दूसरे दिन भी थमा एंबुलेंस का पहिया, मरीजों को हुई परेशानी

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 102 व 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर एंबुलेंस चालकों व टेक्नीशियनों का दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रहा। मंगलवार को जनता जनार्दन इंटर कालेज परिसर में एंबुलेंस के साथ धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की। हड़ताल के कारण मरीजों और तीमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष देवेंद्र गुप्त व महामंत्री मनोज कुमार के नेतृत्व में एंबुलेंस चालकों व टेक्नीशियनों ने दूसरे दिन भी कालेज के मैदान में एंबुलेंस खड़ी कर प्रदर्शन किया। आंदोलन खत्म करने के लिए कई राउंड में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बात हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। एसडीएम ने फोन पर अध्यक्ष डाक्टर देवेंद्र गुप्त से बात की और कहा कि मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कम से कम 15 एंबुलेंस चलाया जाए। अध्यक्ष ने कहा कि हम 15 एंबुलेंस की चाबी दे दे रहे हैं, वह अपने स्तर से चालक की व्यवस्था करके एंबुलेंस चलाएं। हड़ताल खत्म करने को लेकर कई बार सीओ मजिस्ट्रेट , थानाध्यक्ष ने भी बात की,लेकिन कोई हल नहीं निकला। परेशान रहे मरीज व तीमारदार

जौनपुर: आंदोलन के कारण जहां आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो गई है, वहीं इसका सीधा असर गरीबों की जेब पर पड़ रहा है। साधन संपन्न परिवार तो मरीजों को निजी वाहनों से अस्पताल लेकर पहुंच जाते हैं, लेकिन गरीब-गुरबों को किराए के वाहन से अस्पताल जाना पड़ रहा है। प्रसव के लिए अस्पताल आईं खुटहन क्षेत्र के लवायन गांव निवासी मालती देवी के पति संदीप बिद ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर 108 और 102 पर फोन किया गया। वहां से जवाब मिला कि सरकारी वाहन अभी लंबी दूरी पर है। आप निजी वाहन से उन्हें अस्पताल ले जाइए। उन्होंने बताया कि पांच सौ रुपये किराया देकर पत्नी को अस्पताल लाया गया। यहां से जाते वक्त भी इतना ही किराया देना पड़ेगा। यदि सरकारी सुविधा होती तो किराये का एक हजार रुपये बच जाते। प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुइथाकलां पहुंची नरवारी निवासी रत्ना देवी के पति विनय कुमार ने बताया कि एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने से उन्हें आटोरिक्शा करके अस्पताल आना पड़ा। जिसने तीन सौ रुपये भाड़ा लिया। इसी तरह सुकर्णाकलां निवासी प्रमिला देवी के पति अरविद ने बताया कि गरीब परिवारों के लिए एंबुलेंस सेवा वरदान है। वर्तमान समय में हड़ताल से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बोले अफसर

108 व 102 एंबुलेंस चालकों की हड़ताल को देखते हुए इमरजेंसी सेवा के लिए विभाग के वाहनों की व्यवस्था की गई है। बुधवार तक आंदोलन खत्म होने की उम्मीद है। अगर ऐसा नहीं होता है तो निजी चालकों की व्यवस्था कर एंबुलेंस का संचालन कराया जाएगा।

-डाक्टर जीएसवी लक्ष्मी, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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