दो विभाग मिलकर भी नहीं करा पाए ग्राम पंचायतों की आनलाइन आडिट
पारदर्शिता के लिहाज से ग्राम पंचायतों में आनलाइन आडिट की तैयारियों पर भले ही भारी-भरकम बजट खर्च किया गया
जागरण संवाददाता, जौनपुर: पारदर्शिता के लिहाज से ग्राम पंचायतों में आनलाइन आडिट की तैयारियों पर भले ही भारी-भरकम बजट खर्च किया गया, लेकिन दो विभाग मिलकर भी ग्राम पंचायतों की आनलाइन आडिट का कार्य पूर्ण नहीं करा सके। यह जिम्मेदारी जिला लेखा परीक्षा कार्यालय के साथ ही पंचायत विभाग को सौंपी गई थी। पंचायत चुनाव के पहले हर हाल में आडिट का कार्य पूर्ण कराने का फरमान भी था, लेकिन दोनों ही विभाग इसमें फिसड्डी साबित हुए।
आनलाइन आडिट की औपचारिक शुरुआत नौ नवंबर को की गई थी। सचिवों की ई-मेल आइडी उपलब्ध न होने से इसे रोकना पड़ा। पंचायत राज कार्यालय से आइडी उपलब्ध कराने के बाद लैपटाप की कमी से आनलाइन आडिट का कार्य प्रभावित हुआ। इसके बाद साफ्टवेयर में तकनीकी खामी की वजह से दिक्कतें आई। सब कुछ दुरुस्त करने के बाद सचिव व निवर्तमान प्रधानों का सहयोग न मिलने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। आनलाइन आडिट में जहां निवर्तमान प्रधानों की ओर से अभिलेख देने में उदासीनता बरती गई वहीं सचिवों की आर से भी हीलाहवाली की गई। जिले में कुल 1740 ग्राम पंचायतें हैं। पहले इसकी शुरुआत महज 450 गांवों से ही की जानी थी, लेकिन निदेशक पंचायतीराज सभी ग्राम पंचायतों में शत-फीसद लेखा परीक्षा कराए जाने के निर्देश के बाद अब सभी ग्राम पंचायतों में आडिट कराने का फैसला लिया गया। हालांकि अभी तक अधिकांश गांवों में यह कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। कहा तो यहां तक गया था कि जिन गांवों की आनलाइन आडिट अपूर्ण होगी, वहां के प्रधानों को चुनाव लड़ने के लिए एनओसी जारी नहीं की जाएगी। हालांकि शासन की ओर इस पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी न होने की वजह से इस पर फैसला नहीं लिया जा सका।
बोले जिम्मेदार..
1115 ग्राम पंचायतों में आनलाइन आडिट पूर्ण कर ली गई है। बची रह गई ग्राम पंचायतों में भी इसे जल्द पूर्ण करा लिया जाएगा।
-प्रेम प्रकाश सिंह, प्रभारी, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी।