जिले के मेधावियों ने यूपीएससी में मारी बाजी

सिविल सेवा परीक्षा 2020 का अंतिम परिणाम शुक्रवार को जारी हुआ। इसमें जिले के मेधावियों ने भी बाजी मारी। उनकी सफलता पर स्वजनों व क्षेत्रवासियों में खुशी है। मेधावियों ने सफलता का मूलमंत्र संघर्ष व कठिन परिश्रम को बताया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:50 PM (IST)
जिले के मेधावियों ने यूपीएससी में मारी बाजी
जिले के मेधावियों ने यूपीएससी में मारी बाजी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : सिविल सेवा परीक्षा 2020 का अंतिम परिणाम शुक्रवार को जारी हुआ। इसमें जिले के मेधावियों ने भी बाजी मारी। उनकी सफलता पर स्वजनों व क्षेत्रवासियों में खुशी है। मेधावियों ने सफलता का मूलमंत्र संघर्ष व कठिन परिश्रम को बताया।

चंदवक के खुज्झी निवासी कृष्ण कुमार सिंह को आल इंडिया में 24वीं व यूपी में दूसरी रैंक मिली है। कृष्ण कुमार का चयन इससे पहले आइपीएस में हुआ था। वह हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनकी शिक्षा देहरादून में हुई है। वर्तमान में वसुंधरा गाजियाबाद में सपरिवार रहते हैं। पिता राम आसरे सिंह की मृत्यु हो चुकी है। वह गाजियाबाद में ही प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। कृष्ण कुमार आइपीएस से पहले बैंक में आफिसर थे।

सिकरारा क्षेत्र के ककोहिया गांव के कुंवर आकाश सिंह ने तीसरे प्रयास में 128वीं रैंक लाकर न केवल स्वजनों का नाम रोशन किया है, बल्कि गांव का भी मान बढ़ाया है। आकाश के पिता अरविद कुमार सिंह जल निगम लखनऊ में इंजीनियर हैं। आकाश ने सुल्तानपुर से प्राथमिक शिक्षा ली, यहीं से स्टैला मैरिस हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद आइआइटी खड़गपुर से बीटेक किया। इनके दादा गिरीश चंद्र सिंह तिलकधारी महाविद्यालय में शिक्षक थे। जिनके प्रेरणा से ही सफलता हासिल की।

रामनगर ब्लाक के जवंसीपुर निवासी ईशा सिंह का यूपीएससी में 191वीं रैंक है। यह महाराष्ट्र में आइपीएस रहे वाइपी सिंह व इंडियन पोस्टल सर्विसेज की अधिकारी रहीं आभा सिंह की पुत्री है। इनके माता-पिता दोनों ही अपनी नौकरी को बीच में छोड़कर मुंबई हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। देश के जाने-माने वकील हैं। ईशा ने प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ व मुंबई के जेबी पेटिड एंड कैथेड्रल स्कूल से हुई। इसके बाद बंगलुरु के नेशनल ला स्कूल से ग्रेजुएशन किया।

सिकरारा के मेहंदी गांव निवासी सूर्यभान यादव की यूपीएससी में 488वीं रैंक है। उन्होंने दूसरे प्रयास में ही यह कामयाबी हासिल की। सूर्यभान के पिता अच्छेलाल यादव मुंबई के नाला सोपारा में रहकर क्लिनिक चलाते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में हुई है। बीएचयू के आइआइटी से बीटेक करने के बाद वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। सूर्यभान चार भाई व तीन बहनों में पांचवें स्थान पर हैं। इनकी तीनों बहनें चिकित्सक हैं। बड़े भाई मुंबई के एक कालेज में प्रिसिपल हैं। दो भाई मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।

जलालपुर ब्लाक कुसांव गांव के प्रभाकर सिंह की 650वीं रैंक है। ग्रामीण परिवेश व हिदी मीडिएम से पढ़कर चयनित प्रभाकर सिंह के घर शनिवार की सुबह पहुंचकर बड़ी संख्या में लोगों ने स्वजनों को बधाई दी। प्रभाकर वर्तमान में गाजियाबाद में एआरटीओ हैं। प्रभाकर ने 2015 से 2020 तक एक के बाद एक सफलता अर्जित की। पिता संतोष सिंह किसान और मां पुष्पा सिंह गृहिणी हैं। गांव निवासी व पूर्व ब्लाक प्रमुख जलालपुर संदीप सिंह ने सफलता पर बधाई दी।

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