ड्रोन से कराया जा रहा आबादी की भूमि का सर्वे

जागरण संवाददाता बदलापुर (जौनपुर) आबादी की भूमि को लेकर आएदिन होने वाले विवाद को खत्म क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:09 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:09 PM (IST)
ड्रोन से कराया जा रहा आबादी की भूमि का सर्वे
ड्रोन से कराया जा रहा आबादी की भूमि का सर्वे

जागरण संवाददाता, बदलापुर (जौनपुर) : आबादी की भूमि को लेकर आएदिन होने वाले विवाद को खत्म करने, कब्जेदार ग्रामीणों को मालिकाना हक दिए जाने को लेकर चार तहसीलों में स्वामित्व योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग आबादी की भूमि का सर्वे करा रहा है। एक-एक टीम लगाकर यह कार्य ड्रोन कैमरे से कराया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद संबंधित कब्जेदार को मालिकाना हक यानि घरौनी का वितरण किया जाएगा। बदलापुर तहसील के कटहरी चक व पूरासांवल सिंह गांव से सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है।

सर्वे का कार्य पंचायती राज मंत्रालय, राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से कराया जा रहा है। इसमें ड्रोन तकनीक और कार्स नेटवर्क के माध्यम से गांवों की आबादी की भूमि का सर्वे कर नक्शा तैयार किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने पर नक्शे को तहसील प्रशासन को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद राजस्व कर्मी नक्शे की सहायता से आबादी की भूमि, उसके अंदर व आसपास बने मकान आदि का सीमांकन करेंगे। सीमांकन के आधार पर भूमि के संबंधित कब्जेदार को घरौनी कार्ड वितरित किया जाएगा। ताकि आबादी की उक्त जमीन का संबंधित व्यक्ति को मालिकाना हक मिल सके और होने वाला विवाद भी समाप्त हो जाए। बदलापुर के कटहरी चक व पूरासांवल सिंह गांव में पायलट अरुण कुमार यादव व को-पायलट धनंजय कुशवाहा की टीम सर्वे कार्य कर रही है। इसके साथ ही मछलीशहर, शाहगंज व मड़ियाहूं तहसील में भी आबादी की भूमि का सर्वे ड्रोन कैमरे से किया जा रहा है। जिसमें एक-एक टीम लगाई गई है। इस तरह से हो रहा सर्वे

सर्वे टीम के एक सदस्य ने बताया कि गांव के बाहर खुले स्थान से ड्रोन कैमरे को उड़ाया जाता है। जो 120 मीटर ऊंचाई तक उड़कर पहले से मार्क की गई आबादी की भूमि को अपने कैमरे में कैद कर लेता है। यह 45 मिनट तक आसमान में उड़कर अपना काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी की भूमि गृह स्वामियों के लिए संपत्ति कार्ड के रूप में अधिकारों का रिकार्ड प्रदान करना है। इससे ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ग्रामीण आवासीय संपत्तियों की मुद्रीकरण की सुविधा मिलती है। बोले सर्वेक्षण अधिकारी

भारतीय सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार सर्वेक्षण अधिकारी मृदुल मणि मौर्य ने बताया कि राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री ने इसका शुभारंभ किया था। जो पूरे देश में चल रहा है। कार्य के पूरा होने से जहां आबादी की भूमि के मालिक कब्जेदार बनेंगे वहीं आबादी की भूमि को लेकर हो रहे विवाद पर भी विराम लग जाएगा।

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