विसर्जन घाट के पूर्वी तरफ बनाया गया शक्ति कुंड

जागरण संवाददाता जौनपुर गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण इस बार दुर्गा प्रतिमाओं को विस

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:24 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:24 PM (IST)
विसर्जन घाट के पूर्वी तरफ बनाया गया शक्ति कुंड
विसर्जन घाट के पूर्वी तरफ बनाया गया शक्ति कुंड

जागरण संवाददाता, जौनपुर : गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण इस बार दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से दूसरा शक्ति कुंड बनाया गया है। यह विसर्जन घाट के पूर्वी तरफ सद्भावना पुल के समीप बनाया गया है। इसमें पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाएं विसर्जित की जाएंगी। बुधवार को डीएम व एसपी ने निरीक्षण कर मातहतों को आवश्यक निर्देश दिया।

पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते दुर्गापूजा पंडालों की स्थापना नहीं हो सकी थी। इस बार कोरोना गाइड-लाइन के अनुसार दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति दी गई है। इसमें छोटी मूर्तियों के साथ आवागमन बाधित न होने के साथ पंडाल सजाने की अनुमति दी गई है। जिससे दुर्गापूजा महासमिति से संबद्ध करीब 650 व बगैर पंजीकरण के मिलाकर कुल 2200 मूर्तियां स्थापित होती हैं। शाही पुल के समीप पूर्व में बनने वाले स्थल जहां पर शक्ति कुंड बनाकर दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाती थीं, वहां पर कुछ दिनों पहले जलस्तर बढ़ने के कारण अभी भी नदी का पानी लगा हुआ है। ऐसे में प्रशासन की तरफ से विसर्जन व सद्भावना पुल के पूर्वी तरफ नया शक्ति कुंड बनाया गया है। इसको जेसीबी से खोदकर काफी विशालकाय बनाया जा रहा है, जिसमें करीब 150 देवी प्रतिमाओं का विसर्जन हो सकेगा। इसके लिए शक्ति कुंड की लंबाई 80 फीट, चौड़ाई 40 फीट, गहराई 20 फीट होगी। इसके साथ ही नदी के बहाव को रोकने के लिए लोहे की प्लेट, बल्ली, बालू की बोरी लगाई जा रही है, जिससे अंदर के दबाव से मिट्टी का बांध टूटने न पाए। साथ ही विसर्जन वाले स्थल के बाहर नाव की व्यवस्था की जा रही है। पुरानी घटना से प्रशासन ले रहा सबक

वर्ष 2019 में तूफान व बारिश होने के कारण गोमती का जलस्तर बढ़ गया था। तब तत्कालीन जिलाधिकारी अरविद मलप्पा बंगारी के निर्देश पर इसी स्थान पर शक्ति कुंड का निर्माण कराया गया था। जिसमें मजबूती न होने से मिट्टी का बांध टूट जाने से मूर्तियां, उसका गंदा पानी व केमिकल बहकर गोमती में मिलने लगा था। जिसको लेकर समाजसेवी संस्थाओं ने बड़ा बवाल किया था। यह घटनाक्रम देश की मीडिया में छाया रहा। जिसको देखते हुए इस बार शक्ति कुंड के मजबूती के लिए जिला प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है। बोले जिम्मेदार..

मूर्ति विसर्जन में कोरोना गाइड-लाइन का पालन किया जाएगा। इसमें समिति की संस्थाओं को निर्देश है कि भीड़ न करें तथा यातायात नियमों का पालन करते हुए विसर्जन में शामिल हो। नए शक्ति कुंड को काफी मजबूती से बनाया जा रहा है, साथ ही प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। सद्भावना पुल पर बास-बल्लियों को लगाकर बैरिकेडिग की जाएगी, जिससे कोई गोमती नदी में न गिर सके।

-मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी।

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