कर्मयोगी व समाजसेवी थे स्व. उमानाथ सिंह
जागरण संवाददाता जफराबाद (जौनपुर) स्वर्गीय उमानाथ सिंह की 26 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनक
जागरण संवाददाता, जफराबाद (जौनपुर): स्वर्गीय उमानाथ सिंह की 26 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी स्मृतियों में समूचा जनमानस भावविभोर है। किशोरवय में राष्ट्र सेवा का संकल्प लेने वाले स्वर्गीय उमानाथ सिंह ने राजनीति को लोकसेवा के माध्यम के रूप में अंगीकार किया।
महरूपुर गांव में स्वर्गीय राम मूरत सिंह के पुत्र के रूप में उमानाथ सिंह का 13 अगस्त 1938 में जन्म हुआ। उनके अनुज अशोक कुमार सिंह तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रबंधक और उमानाथ सिंह स्मृति सेवा संस्थान के सचिव हैं। उमानाथ सिंह के पुत्र डाक्टर कृष्ण प्रताप सिंह जौनपुर के सांसद रह चुके हैं। सन 1957 में जनसंघ के कार्यकर्ता के रूप में जनसेवा के पथ पर चलते हुए उमानाथ सिंह चार बाद विधायक चुने गए। 1991 में प्रदेश में तत्कालीन कल्याण सिंह के नेतृत्व में गठित भाजपा सरकार में कारागार एवं पेंशन तथा पशुधन विकास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बने। प्रदेश में दीनदयाल डेरी परियोजना इनकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रबंधक के साथ-साथ अनेक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की प्रबंध समिति में जुड़े रहे। जनपद के सहकारिता आंदोलन में भी सशक्त भागीदारी रही। 1967 में जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर रहे। व्यापक जनहित में उमानाथ सिंह कई आंदोलनों से जुड़े रहे। वर्ष 1990 में श्री रामजन्मभूमि आंदोलन में जेल यात्रा भी की। गत 13 सितंबर वर्ष 1994 को मानवीय मूल्यों व मानवता की रक्षा हेतु तत्कालीन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की हल्ला बोल अराजकता से लोगों की रक्षा के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों में उमानाथ सिंह के निधन से स्तंभ ढह गया। वह निष्ठा, निर्भीकता और आत्मीयता से परिपूर्ण थे।