यूपी बोर्ड में कड़ाई से लौट रही संस्कृत विद्यालयों की रौनक

योगी सरकार में माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में नकल माफिया पर नकेल कसने से संस्कृत विद्यालयों में रौनक लौट आई है। पिछले एक दशक में लगातार कम हो रही छात्र संख्या पर न सिर्फ चार साल से ब्रेक लगा है बल्कि 4615 परीक्षार्थी बढ़ भी गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 11:34 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 11:34 PM (IST)
यूपी बोर्ड में कड़ाई से लौट रही संस्कृत विद्यालयों की रौनक
यूपी बोर्ड में कड़ाई से लौट रही संस्कृत विद्यालयों की रौनक

जागरण संवाददाता, जौनपुर: योगी सरकार में माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में नकल माफिया पर नकेल कसने से संस्कृत विद्यालयों में रौनक लौट आई है। पिछले एक दशक में लगातार कम हो रही छात्र संख्या पर न सिर्फ चार साल से ब्रेक लगा है, बल्कि 4615 परीक्षार्थी बढ़ भी गए हैं।

पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में स्वकेंद्र प्रणाली के साथ ही संस्कृत स्कूलों से भी अधिक छूट मिलने के चलते बिना पढ़े अच्छे अंक से उत्तीर्ण होने की मंशा वाले छात्रों की बाढ़ सी आ गई थी। इतना ही नहीं, कागज पर नामांकन कराकर नौकरी पाने वाले, अच्छी मेरिट की लालसा वाले भी संस्कृत स्कूलों से मुंह मोड़ लिए थे, जिसका असर रहा कि एक दशक पूर्व जिले के 63 एडेड व 14 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में लगभग 26 हजार रही छात्रों की संख्या घटकर वर्ष 2018 में 7822 तक सिमट गई थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही नकल माफियाओं पर रोक लगनी शुरू हो गई, जिसके चलते इस साल छात्रों की संख्या बढ़कर 12437 हो गई है। इस वर्ष परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों में प्रथमा में 144, पूर्व मध्यमा प्रथम में 3145, पूर्व मध्यमा द्वितीय में 4005, उत्तर मध्यमा प्रथम में 2802 और उत्तर मध्यमा द्वितीय में 2341 परीक्षार्थी हैं। छात्रों का यह है आंकड़ा..

कुल विद्यालय : 77

वर्ष 2018 में छात्र संख्या: 7822

वर्ष 2019 में छात्र संख्या: 9183

वर्ष 2020 में छात्र संख्या: 12302

वर्ष 2021 में छात्र संख्या: 12437

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वर्जन--

वर्तमान सरकार संस्कृत शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। वर्षों से उपेक्षित संस्कृत विद्यालयों में जहां संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है, वहीं आधुनिक शिक्षा देने की भी योजना है।

-राज कुमार पंडित, जिला विद्यालय निरीक्षक।

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