महामारी से लड़ने का सुरक्षा कवच है प्रतिरोधक क्षमता

वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर से देश में चहुंओर हाहाकार मचा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 04:10 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 04:10 PM (IST)
महामारी से लड़ने का सुरक्षा कवच है प्रतिरोधक क्षमता
महामारी से लड़ने का सुरक्षा कवच है प्रतिरोधक क्षमता

जागरण संवाददाता, जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर से देश में चहुंओर हाहाकार मचा हुआ है। संकट के इस समय में घबराने की बजाय डटकर मुकाबला करें। इस महामारी से लड़ने का सुरक्षा कवच है शरीर की प्रतिरोधक क्षमता। औषधियों के सेवन व योग, प्राणायाम से इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं। इससे फेफड़े भी मजबूत होंगे।

पतंजलि योग समिति के प्रांतीय सह प्रभारी अचल हरीमूर्ति ने कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में योग और आयुर्वेद में विधि पूर्वक सामंजस्य स्थापित करके हर व्यक्ति एक बेहतरीन सुरक्षा कवच निर्मित कर सकता है। परिणाम स्वरूप व्यक्ति अपने आप के साथ पूरे परिवार को इस संकट से बचा सकता है। जाने-अनजाने में जो भी व्यक्ति कोरोना वायरस की चपेट में आ रहा है उसके पीछे सबसे बड़ा कारण उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है। जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है वही व्यक्ति जल्द ठीक भी हो जा रहा है। अन्यथा ऐसे व्यक्तियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जब तक किसी भी व्यक्ति का पाचन-तंत्र मजबूत नहीं होगा तब तक उसकी इम्यूनिटी किसी भी कीमत पर कारगर हो ही नहीं सकती है। कहा कि आयुर्वेद बेहतरीन सुरक्षा कवच निर्मित करता है, लेकिन दुर्भाग्यवश जिन औषधियों का सेवन व्यक्ति करता है उसका समुचित पाचन न होने के कारण उसका लाभ नहीं मिल पाता है। गिलोय, अश्वगंधा, शतावर, मुसली, अदरक, आंवला, गुड़, काली मिर्च, हल्दी, एलोवेरा जैसे अनेकों ऐसी आयुर्वेदिक औषधियां हैं। इनके नियमित और संतुलित सेवन से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता निरंतर बढ़ती जाती है। इम्यूनिटी को बढ़ाने में प्राणायामों की महती भूमिका होती है। जिस भी व्यक्ति का श्वसन तंत्र जितना कमजोर होगा उसके भीतर का आक्सीजन लेवल उतना ही कम होगा। ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए हर व्यक्ति को कम से कम एक घंटा प्राणायामों का नियमित और निरंतर अभ्यास अति आवश्यक है।

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