कुपोषित बच्चों को पोषित कर प्रमोद ने किया कमाल
जागरण संवाददाता जौनपुर चार वर्ष पहले रामपुर की पहचान कुपोषण वाले ब्लाक से होती थी।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: चार वर्ष पहले रामपुर की पहचान कुपोषण वाले ब्लाक से होती थी। मंडल का फोकस जिले के इसी ब्लाक पर था। एनीमिया की शिकार गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले अधिकतर बच्चे कुपोषित होते थे। जन्म ले चुके बच्चों की भी दशा ठीक नहीं थी। जानकारी शासन तक पहुंचने के बाद लखनऊ से आई टीम ने यहां का दौरा किया। इसके साथ ही इसकी रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया। इसके बाद रामपुर ब्लाक में ही बाल विकास परियोजना में उस वक्त प्रधान सहायक के पद पर तैनात प्रमोद लाल को गर्भवती महिलाओं को भरपेट भोजन कराने के साथ ही कुपोषित बच्चों के इलाज व पुनर्वास की जिम्मेदारी सौंपी गई। इससे न सिर्फ ब्लाक की तस्वीर बदली, बल्कि कुपोषित बच्चों का आंकड़ा भी कम हुआ। इस बेहतर कार्य के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने कर्मचारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रदेश में यह सम्मान महज प्रमोद को ही मिला।
वर्ष 2016 में सपा सरकार के दौरान हौसला पोषण योजना से कुपोषण को नियंत्रित किया जा रहा था। योजना में भारी भ्रष्टाचार की वजह से कुपोषण के मामले कम होने की बजाय लगातार बढ़ते गए। उस वक्त रामपुर में कुपोषित बच्चों की संख्या तकरीबन 1500 सौ थी, जिस पर नियंत्रण करना किसी चुनौती से कम नहीं था। तमाम विषम परिस्थितियों को पार करते हुए प्रमोद ने प्रधान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का खाता खुलवा विद्यालय में भोजन की व्यवस्था शुरू कराई। इससे बच्चों को भरपेट भोजन मिलना शुरू हुआ। तकरीबन एक वर्ष में यह आंकड़ा आठ सौ तक पहुंचा, जो मौजूदा समय में और कम हुआ है। सराहनीय कार्य के लिए पाने वाले सम्मान को प्रमोद आजतक नहीं भूले हैं। उन्होंने कहा कि लगन व आत्मविश्वास से असंभव कार्य को संभव बनाया जा सकता है।