योजनाएं अपार फिर भी पर्यावरण का नहीं कोई सरोकार

जागरण संवाददाता, जौनपुर : पर्यावरण संरक्षण के लिए जिले में योजनाएं अपार चल रही हैं बावजूद

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jan 2018 08:38 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jan 2018 08:38 PM (IST)
योजनाएं अपार फिर भी पर्यावरण का नहीं कोई सरोकार
योजनाएं अपार फिर भी पर्यावरण का नहीं कोई सरोकार

जागरण संवाददाता, जौनपुर : पर्यावरण संरक्षण के लिए जिले में योजनाएं अपार चल रही हैं बावजूद इसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहा है। तमाम प्रयासों के बाद भी जिले में प्रदूषण से आमजन परेशान है। वहीं इसके लिए वन एवं वन्य जीव विभाग की तरफ से सक्रिय सहभागिता निभाई जा रही है। शासन की तरफ से आगामी सत्र के लिए पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

विगत वर्ष के सापेक्ष इस बार जिले में 2.1 गुना अधिक पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित है। पिछले साल दो लाख 66 हजार पौधरोपण किया गया था। इस वर्ष पांच लाख 58 हजार 500 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जो सामाजिक वानिकी योजना, मनरेगा योजना, कैंपा नान सीए योजना व कैंपा योजना के तहत कराया जाएगा। सामाजिक वानिकी योजना के तहत 32 हजार 350 पौधे रोपने का प्रस्ताव है। मनरेगा योजना के तहत दो लाख 65 हजार पौधे लगाने को स्वीकृत है, कैंपा योजना के तहत दो लाख 66 हजार पौधे लगाने का प्रस्ताव है।

पुरोनिधानित सब मिशन ऑन एग्रोफारेस्ट्री :- इसके तहत कृषि मंत्रालय भारत सरकार की इस योजना के तहत पौधरोपण कार्य कृषकों द्वारा किया जाएगा। जिसमें विकास खंड के माध्यम से पौधरोपण के लिए लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। जिसमें लघु एवं सीमांत कृषक 50 फीसद, महिला लाभार्थी 30 फीसद, एससीपी व टीएसपी 24 फीसद होगा। जिसमें केंद्र द्वारा 60 फीसद तथा राज्य द्वारा 40 फीसद का योगदान दिया जाएगा। चयनित कृषकों को 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा। जिसका प्रथम वर्ष 40 फीसद, द्वितीय वर्ष 20 फीसद, तृतीय वर्ष 20 फीसद, चतुर्थ वर्ष 20 फीसद का अनुदान दिया जाएगा।

ओडीएफ :-खुले में शौचमुक्त योजना के तहत गांवों में शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिए गरीबों को 12 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। वही मनरेगा के तहत उन लोगों को भी शौचालय बनवाया जा रहा है जिनको प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल रहा है।

पर्यावरण को हरा-भरा करने का हो रहा प्रयास :-

इस बाबत वन एवं वन्य जीव विभाग के प्रभागीय निदेशक एपी पाठक ने कहा कि जिले की 22 नर्सरी में 13 लाख पौधे तैयार किए जा रहे है। छह लाख पौधे नर्सरियों में रोपे जा रहे है और सात लाख पौधे पिछले साल के शेष बचे है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण लगाकर हरा-भरा किया जाएगा।

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