सर्वोच्च अंक पाकर गोल्ड मेडलिस्ट की सूची से बाहर छात्रा कुलपति से मिली

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बीटेक इलेक्ट्रानिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:07 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:07 PM (IST)
सर्वोच्च अंक पाकर गोल्ड मेडलिस्ट की सूची से बाहर छात्रा कुलपति से मिली
सर्वोच्च अंक पाकर गोल्ड मेडलिस्ट की सूची से बाहर छात्रा कुलपति से मिली

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बीटेक इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिग में सर्वोच्च अंक पाकर गोल्ड मेडल की सूची से बाहर होने वाली छात्रा शुक्रवार को कुलपति व परीक्षा नियंत्रक से मिलकर शिकायत की। वहीं कुछ ने ईमेल व पत्र के जरिए शिकायत की है, लेकिन जिम्मेदार कोई ठोस जवाब विद्यार्थियों को नहीं दे पा रहे हैं। एक छात्रा तो मुख्यमंत्री व राज्यपाल से शिकायत की बात कहते हुए लौट गई।

विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह इंजीनियरिग संस्थान में बीटेक इलेक्ट्रानिक कम्युनिकेशन में अनम खान नियमित छात्रा थी। उसने 2021 में जारी परीक्षा परिणाम में अपनी कक्षा में बतौर नियमित छात्रा के रूप में सर्वोच्च अंक प्राप्त किया था। दीक्षा समारोह के लिए विश्वविद्यालय द्वारा जारी गोल्ड मेडलिस्ट की सूची में उसका नाम सर्वोच्च अंक पाने के बावजूद नहीं आया। पहली बार विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लेटरल (पालीटेक्निक डिप्लोमा) कर दूसरे वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्र को गोल्ड मेडल दिया जा रहा है। इसके पहले कभी दूसरे वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल नहीं दिया गया है। अनम खान अपने अभिभावकों के साथ शुक्रवार को कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्या व परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह से मिलकर लिखित शिकायत की। कुलपति ने छात्रा व उसके स्वजन को आश्वस्त करते हुए कहा कि पहले जो हुआ है, वह गलत हुआ है। ऐसा कहीं नियम में नहीं है कि लेटरल डिप्लोमा कर के आए छात्र जिसने द्वितीय वर्ष में दाखिला लिया। उस छात्र को गोल्ड मेडल नहीं दिया जाएगा, क्योंकि वह भी तो डिप्लोमा करने के बाद नियमित छात्र के रूप में दाखिला लिए हैं। सूत्रों के अनुसार लेटरल एक छात्र ने सूची जारी होने के पहले ही राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजकर लेटरल डिप्लोमा कर दाखिला लेने वाले छात्रों को गोल्ड मेडल दिए जाने की वकालत की थी और न दिए जाने की स्थिति में दूसरे कदम उठाने की चेतावनी भी दी थी।

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