अब पुस्तकालय से ज्यादा श्योर सीरीज पर भरोसा
पूर्व में जहां कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों का समय कक्षा के बाद ज्यादातर पुस्तकालयों में व्यतीत होता था अब यह समय के साथ परिवर्तित होता जा रहा है। राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह के तहत आज हम बात करेंगे राजा श्री कृष्णदत्त महाविद्यालय के पुस्तकालय के बारे में। अब यहां कहने को हजारों पुस्तकें होंगी लेकिन पहले की अपेक्षा कम ही छात्र पढ़ने आते है। छात्रों का रुझान किताबों से कम होकर श्याम सीरीज पर अधिक हो गया है।
जागरण संवाददाता जौनपुर : पूर्व में जहां कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों का समय कक्षा के बाद ज्यादातर पुस्तकालयों में व्यतीत होता था अब यह समय के साथ परिवर्तित होता जा रहा है। राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह के तहत आज हम बात करेंगे राजा श्री कृष्णदत्त महाविद्यालय के पुस्तकालय के बारे में। अब यहां कहने को हजारों पुस्तकें होंगी लेकिन पहले की अपेक्षा कम ही छात्र पढ़ने आते हैं। छात्रों का रुझान किताबों से कम होकर श्योर सीरीज पर अधिक हो गया है।
राज कालेज का पुस्तकालय ढालगर टोला में स्थित है। यहां वर्तमान में दस हजार से अधिक पुस्तकें है। रोजाना यह कालेज समय में दस-चार बजे तक चलता है। आजादी से पूर्व का स्थापित यह कालेज के संग यह पुस्तकालय अब छात्रों की राह ताक रहा है। वजह कि पहले जहां एक ही किताबों को दस छात्र पढ़ने के लिए निकलवाते थे, अब इक्का-दुक्का ही डिमांड करते हैं। बीए, बीकॉम, बीएससी व अन्य पाठ्यक्रमों के अधिकतर छात्र श्योर सीरीज पर भरोसा करने लगे है। उनका मानना है कि इसमें पूरी किताब का सार संक्षेप में उपलब्ध होगा। यह परीक्षा देने में सहायक साबित होगा, ऐसे में करीब आधे से अधिक छात्र गहन अध्ययन से वंचित हो जाते हैं।