कोरोना के नए वेरिएंट व बचाव में लापरवाही से दूसरी लहर में बरपा कहर

वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी थी। चहुंओर हा-हाकार मच गया। कोरोना के नए वेरिएंट पंचायत चुनाव महामारी से बचाव के उपायों के प्रति लापरवाही दूसरी लहर के मुख्य कारण बने। स्थिति सामान्य होने के साथ ही लोग बेपरवाह होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:53 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:53 PM (IST)
कोरोना के नए वेरिएंट व बचाव में लापरवाही से दूसरी लहर में बरपा कहर
कोरोना के नए वेरिएंट व बचाव में लापरवाही से दूसरी लहर में बरपा कहर

जागरण संवाददाता, जौनपुर : वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा दी थी। चहुंओर हा-हाकार मच गया। कोरोना के नए वेरिएंट, पंचायत चुनाव, महामारी से बचाव के उपायों के प्रति लापरवाही दूसरी लहर के मुख्य कारण बने। स्थिति सामान्य होने के साथ ही लोग बेपरवाह होने लगे हैं। गलतियों की पुनरावृत्ति न हो इस मंशा से जनमानस को जागरूक करने के लिए 'दैनिक जागरण' पाक्षिक अभियान चला रहा है। इसके माध्यम से यह बताया जा रहा है कि यदि सतर्कता नहीं बरती गई तो तीसरी लहर और कहर बरपाएगी।

दूसरी लहर में अफरा-तफरी व तबाही के मंजर को भूला नहीं जा सकेगा। संक्रमण की दूसरी लहर ने न केवल सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर दिया, बल्कि इससे उत्पन्न परिस्थितियों ने चिकित्सा सुविधा और इसके बुनियादी ढांचे पर भी बुरा असर डाला। फिलहाल दूसरी लहर थम गई है, लेकिन संभावित तीसरी लहर अब भी लोगों के लिए चिता का कारण बनी हुई है। इन सबके बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ बार-बार कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रहने के उपायों को प्रयोग में लाने की सभी से आह्वान कर रहे हैं।

दूसरी लहर का 25 दिन एक साल पर भारी

कोरोना की दूसरी लहर का 25 दिन वैश्विक महामारी के एक साल पर भारी रहा। गत वर्ष जहां 6,824 लोग संक्रमण की चपेट में आए थे वहीं एक से 25 अप्रैल तक 7,724 कोरोना पाजिटिव मिले। इतना ही नहीं मरने वालों का आंकड़ा भी हर किसी को हिलाकर रख दिया था। उपचार के लिए जिले में उपलब्ध संसाधन नाकाफी साबित हुए। मरीजों को बेड, आक्सीजन तक नहीं मिल पाया। मनमाना खर्च करने के बावजूद प्राइवेट अस्पतालों में भी जगह नहीं मिली।

आंकड़ों पर गौर करें तो जनपद में 23 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मरीज मिला था। पूरे सालभर में बीमारी से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 6,824 था। इनमें 6,758 स्वस्थ होकर घर जा चुके थे। सक्रिय मरीज सिर्फ 66 थे। वहीं, दूसरी लहर के समय अप्रैल में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,548 हो गई थी। अप्रैल में 35 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। एक से 25 अप्रैल तक संक्रमण की स्थिति

कुल पाजिटिव मरीजों की संख्या: 7,724

स्वस्थ हुए मरीज: 2,388

सक्रिय मरीज: 5,058

मरने वालों की संख्या: 35

जांच को लिए गए नमूनों की संख्या: 55,209 पंचायत चुनाव बाद और भयावह हुई महामारी

कोरोना की दूसरी लहर ने पंचायत चुनाव के बाद और रफ्तार पकड़ ली थी। विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो एक से 15 अप्रैल तक 1,914 लोग पाजिटिव मिले थे। चुनाव बाद 16 से 25 अप्रैल तक 10 दिन में 5,810 नए मरीज मिले। इतना ही नहीं एक पखवारे में महामारी की जद में आए नौ लोगों की मौत हुई थी, जबकि मतदान के बाद दस दिन में 26 लोगों ने दम तोड़ा था।

---------------- जनमानस को दूसरी लहर की तबाही से सबक लेने की आवश्यकता है। हमें उन गलतियों को फिर से दोहराने से बचना होगा, जिसके कारण दूसरी लहर के दौरान तमाम तरह की समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ा था। जिस तरह से कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहे हैं, यह तीसरी लहर को और गंभीर बना सकती है। इससे बचाव के लिए कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए सतर्क रहना आवश्यक है। संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन अवश्य लगवाएं।

- डा. नरेंद्र सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी।

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