वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति आवश्यक

नई शिक्षा नीति वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नितांत आवश्यक है। इस नई शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में अमूल-चूल परिवर्तन दिखाई देगा। यह शिक्षा नीति छात्रों के व्यक्तित्व को इस प्रकार विकसित करेगी कि छात्र ज्ञान के साथ ही अपने को बहुत कुछ रोजगारोन्मुख बनाने में सफल होंगे। यह बातें राजा श्रीकृष्ण दत्त महाविद्यालय (राज कालेज) के प्राचार्य डा. अखिलेश्वर शुक्ल ने शुक्रवार को कालेज में नई शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित संगोष्ठी में कही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 04:23 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 04:23 PM (IST)
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति आवश्यक
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति आवश्यक

जागरण संवाददाता, जौनपुर : नई शिक्षा नीति वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नितांत आवश्यक है। इस नई शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में अमूल-चूल परिवर्तन दिखाई देगा। यह शिक्षा नीति छात्रों के व्यक्तित्व को इस प्रकार विकसित करेगी कि छात्र ज्ञान के साथ ही अपने को बहुत कुछ रोजगारोन्मुख बनाने में सफल होंगे। यह बातें राजा श्रीकृष्ण दत्त महाविद्यालय (राज कालेज) के प्राचार्य डा. अखिलेश्वर शुक्ल ने शुक्रवार को कालेज में नई शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित संगोष्ठी में कही। आयोजन आइक्यूएसी के तत्वावधान में किया गया। प्राचार्य ने इस शिक्षा नीति को महाविद्यालय में पूर्ण रूप से लागू करने के लिए शिक्षकों का आह्वान किया।

मुख्य अनुशास्ता डा. सुधा सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति छात्रों को बहुत कुछ कौशल विकास व व्यक्तित्व विकास के विभिन्न आयामों से परिचित कराती है, गुरुकुल परंपरा को प्रासंगिक बनाने का यह उत्तम प्रयास है। डा. मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि हम महाविद्यालय परिसर में ही कौशल विकास से संबंधित विषयों को प्रस्तावित व क्रियान्वयन कर सकते हैं।

महाविद्यालय के आइक्यूएसी समन्वयक डा. अभय प्रताप सिंह ने नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डा. मयानंद उपाध्याय, डा. अवधेश द्विवेदी, डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव, डा. अनामिका सिंह, डा. सुनीता गुप्ता, डा. नीता सिंह, डा. श्याम सुंदर उपाध्याय, धर्मवीर सिंह, विवेक कुमार, अनिल कुमार मौर्य आदि उपस्थित रहे। संचालन डा. गगनप्रीत कौर व आभार डा. अनीता सिंह ने व्यक्त किया।

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