नंदलाल की मौत से परिवार पर टूटा कहर
जागरण संवाददाता सिकरारा (जौनपुर) मेंहदी गांव निवासी प्राइवेट लाइनमैन नंदलाल यादव की मौत से
जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर): मेंहदी गांव निवासी प्राइवेट लाइनमैन नंदलाल यादव की मौत से परिवार पर वज्रपात हो गया है। बूढ़ी मां, पत्नी व बच्चों के करुण-क्रंदन से पूरे गांव का माहौल बोझिल हो गया है। संवेदना जताने के लिए पहुंचने वाले ग्रामीण व नात-रिश्तेदारों की भी आंखें नम हो जा रही हैं।
वैसे तो नंदलाल टावर पर काम करते थे, लेकिन ड्यूटी के बाद खाली समय में लाइनमैन का भी काम करते थे। किसी के घर बिजली आपूर्ति बाधित होती तो ठीक कराने के लिए नंदलाल का नाम तुरंत जेहन में आ जाता। अपने कार्य व्यवहार से नंदलाल ने बिजली विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का दिल जीत लिया था। ट्रांसफार्मर में खराबी आने या खंभे से आपूर्ति बाधित होने पर विभागीय लाइनमैन भी सही कराने में नंदलाल की मदद लेते थे। नंदलाल तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। दो अन्य भाई अंगनू व पब्बर अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। सिउरा गांव में ट्रांसफार्मर ठीक करते समय करेंट लगने से मौत की खबर लगते ही घर में कोहराम मच गया। बूढ़ी मां बबना देवी व पत्नी गीता रोते-रोते बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। सबसे बड़ा बेटा राहुल बीएससी उत्तीर्ण करने के बाद नौकरी के लिए तैयारी कर रहा है। दूसरे नंबर का पुत्र 18 वर्षीय मंगेश बीए, तीसरे नंबर पर बेटी सोनम इंटरमीडिएट व सबसे छोटी प्रीति हाईस्कूल में पढ़ रही है। गीता यही नहीं समझ पा रही है कि बाकी पहाड़ सरीखी जिदगी किसके सहारे कटेगी। बच्चों का भविष्य कैसे संवेरगा। कैसे बेटियों के हाथ पीले होंगे।
बिजली विभाग ने झाड़ा पल्ला
करीब 14 साल तक रात-दिन प्राइवेट लाइनमैन के रूप में सेवा लेने वाले बिजली विभाग ने नंदलाल की मौत के बाद पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया है। बेसहारा हो गए परिवार से हमदर्दी जताते हुए मदद करने की बजाय अधिकारी कह रहे हैं कि नंदलाल का विभाग से कोई सरोकार नहीं था। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर नंदलाल के कहने पर उपकेंद्र से शटडाउन कैसे दिया गया। किसकी लापरवाही से शटडाउन के बावजूद आपूर्ति बहाल कर दी गई। मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रामीण व स्वजन कह रहे हैं कि यदि पुलिस विवेचना में मोबाइल फोन का काल डिटेल खंगालेगी तो हादसे के जिम्मेदार को चिह्नित करने में देर नहीं लगेगी।