25 लाख है बकाया, पशुपालक कैसे बेचें दूध

जागरण संवाददाता जौनपुर दूध उत्पादन व पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चल रही ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:21 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:21 PM (IST)
25 लाख है बकाया, पशुपालक कैसे बेचें दूध
25 लाख है बकाया, पशुपालक कैसे बेचें दूध

जागरण संवाददाता, जौनपुर: दूध उत्पादन व पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इसका लाभ पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। दुग्ध उत्पादक समितियों पर पशु पालकों के दूध का बकाया 25 लाख तक पहुंच गया है। ऐसे में पशुपालक कैसे समितियों में अपना दूध बेचें यह एक बड़ी समस्या बन गई है।

बदलापुर, महराजगंज, बक्शा, सिकरारा व धर्मापुर ब्लाक में कुल 70 सक्रिय दुग्ध समितियां हैं। जहां प्रतिदिन 6.5 फैट और 9.00 एसएनएफ पर 40 रुपये प्रति लीटर की दर से 13 सौ लीटर दूध पशु पालक बेचते हैं। जिन्हें तीन माह से भुगतान नहीं मिल रहा है। जिसके चलते उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पशुपालकों का कहना है कि बार-बार मांग के बावजूद उच्चाधिकारियों द्वारा भुगतान नहीं दिया जा रहा है। यदि शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो हम सभी समितियों पर दूध देना बंद कर देंगे। दुग्ध संघ जौनपुर को तोड़कर बना दिया कलेक्शन सेंटर

दुग्ध संघ जौनपुर का कभी जमाना था। जब लोग सीधे संघ में पहुंचकर दूध, दही, घी, छेना, पनीर आदि दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ खरीदते थे, लेकिन वर्ष 2016 में जौनपुर व गाजीपुर संघ को तोड़कर वाराणसी दुग्ध संघ में विलय कर दिया गया। तब से यह सिर्फ कलेक्शन सेंटर ही रह गया है। जहां जिले भर का दूध आता है। उसके बाद वाराणसी के रामनगर चला जाता है। फील्ड सुपरवाइजर के भरोसे हैं दुग्ध संघ

दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की दुर्दशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इतने बड़े जनपद की समितियों को देखने के लिए मात्र एक फील्ड सुपरवाइजर रामभुवन यादव हैं। जो मीटिग और संघ तक ही सीमित रह जाते हैं। स्टाफ बढ़ाए जाने की मांग के बावजूद जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं।

chat bot
आपका साथी