छलावा बना मेगा कैंप, 856 आवेदकों में एक को भी नहीं मिला ऋण
स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लगाया गया दो दिव
जागरण संवाददाता, जौनपुर: स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लगाया गया दो दिवसीय मेगा कैंप छलावा बनकर रह गया। 21 ब्लाकों के विभिन्न समूहों की ओर से प्राप्त 856 आवेदकों में से एक को भी ऋण नहीं मिल सका। इसके लिए बकायदा 25 व 26 अक्टूबर को मेगा कैंप का आयोजन तो किया गया, लेकिन जरूरतें किसी की भी पूरी नहीं हो सकीं। यह स्थिति तब है जब शासन की ओर से हरहाल में समूहों को ऋण देने का निर्देश दिया गया था। समूहों की ओर से बकायदा इसके लिए आनलाइन आवेदन किया गया था लेकिन आवेदन अस्वीकृत करने की स्थिति में बैंकों की ओर से किसी प्रकार का कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया।
यूबीआइ में आए थे सबसे अधिक आवेदन
ऋण प्राप्त करने के लिए यूबीआइ में सबसे अधिक 584 आवेदन प्राप्त हुए थे। इसके बाद बड़ौदा यूपी बैंक में 247, पीएनबी में आठ, एसबीआइ में 13 व सीबीआइ में तीन आवेदन प्राप्त हुए, जबकि इलाहाबाद बैंक को एक आवेदन प्राप्त हुआ। दो दिनों का लगाया गया था मेगा कैंप
25 अक्टूबर को सभी ब्लाकों में मेगा कैंप लगाया गया, जबकि 26 को केराकत व धर्मापुर ब्लाक में शिविर लगाया गया। इसमें समूह की महिलाओं को भी आमंत्रित किया गया था। सभी ने काफी इंतजार किया, लेकिन बैंकों की ओर से ऋण नहीं मिल सका। इतना ही नहीं उन्हें ऋण रद करने के कारणों के बारे में भी नहीं बताया गया, जिससे उन्हें निराशा हुई। बोले अधिकारी..
समूह की महिलाओं को शासन की मंशा के अनुरूप ऋण मुहैया कराया जाएगा। इसका लाभ दिलाने के लिए एनआरएलएम के उपाध्यक्ष से भी सामंजस्य बिठाया जा रहा है। इसे लेकर जो भी व्यावहारिक समस्याएं आ रही हैं उसे दूर किया जाएगा।
-अनिल कुमार सिन्हा, एलडीएम।