भक्त का मान रखने के लिए प्रभु ने तोड़ी प्रतिज्ञा
बबुरा बीबनमऊ व सिरौली में श्रीमछ्वागवत कथा बाल कृष्ण की प्रस्तुत की गई दिव्य झांकी जागरण संवाददाता जौनपुर महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने प्रतिज्ञा किया था कि मैं अस्त्र नहीं उठाऊंगा। और भीष्म ने प्रतिज्ञा किया था कि मैं भगवान श्रीकृष्ण से अस्त्र जरूर उठवा दूंगा। अन्तत भक्त वत्सल भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्त की प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ दिया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने प्रतिज्ञा किया था कि मैं अस्त्र नहीं उठाऊंगा। भीष्म ने प्रतिज्ञा की थी कि मैं भगवान श्रीकृष्ण से अस्त्र जरूर उठवा दूंगा। अन्तत: भक्त वत्सल भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्त की प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ दिया। पं. वाचस्पति मिश्र बबुरा गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमछ्वागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। कथा के मुख्य यजमान पं. रामतीर्थ शुक्ल व देवमणि शुक्ल ने आभार व्यक्त किया।
उधर बीबनमऊ गांव में राजेश मिश्र के आवास पर चल रहे सात दिवसीय श्रीमछ्वागवत कथा में चौथे दिन कथावाचक पंडित शत्रुध्न लाल शुक्ल ने कहा कि जब जीव के जन्म-जन्मांतर के पुण्यों का उदय होता है तब जाकर इस धरती पर भागवत कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस मौके पर बाल कृष्ण की दिव्य झांकी का दर्शन कराया गया। सिरौली गांव में संगीतमय सात दिवसीय श्रीमछ्वागवत के पांचवे दिन शंभूनाथ शुक्ल महराज ने कहा कि भगवान राम का जीवन ही त्याग है। निर्विकार भाव से कार्य करने पर भगवान राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए। इसके पूर्व महराज ने कृष्ण जन्म, पूतना वध आदि रोचक प्रसंगों पर कथा के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को प्रेम में सराबोर कर दिया। कार्यक्रम संयोजक उदयराज दुबे रहे।