लाइब्रेरी के सुंदरीकरण को मिला पांच लाख
जागरण संवाददाता जौनपुर जिले के राजकीय पुस्तकालय की जीर्ण-शीर्ण अवस्था को देखते हुए जिला
जागरण संवाददाता, जौनपुर : जिले के राजकीय पुस्तकालय की जीर्ण-शीर्ण अवस्था को देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से शासन को पांच लाख का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसका बजट प्राप्त हो गया है। अब कोरोना संक्रमण के हालात सामान्य होने पर इस मद से पुस्तकालय के मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। इसके फर्श पर टाइल्स लगाई जाएगी और रंगाई-पोताई का काम कराया जाएगा। मरम्मत से कुछ हद तक पुस्तकालय की हालत सुधर जाएगी।
जिले के ईशापुर में 1995 में राजकीय पुस्तकालय की स्थापना की गई। यह पुस्तकालय माध्यमिक शिक्षा के तहत जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देशन में संचालित किया जा रहा है। यहां नई व पुरानी मिलाकर कुल 20 हजार पुस्तकें हैं। इसमें कई ऐसी प्रतियोगी, ऐतिहासिक व दुर्लभ किताबें हैं जो कहीं और नहीं मिलेंगी। इसकी मरम्मत के लिए आरइडी से प्रस्ताव बनाकर शासन को पांच लाख रुपये की डिमांड भेजी गई थी। जिसका बजट भी स्वीकृत होकर प्राप्त हो गया है। इसमें फर्श पर टाइल्स, रंग-पोताई, मरम्मत का निर्माण कराया जाएगा। वैसे यहां पुस्तकालय में कर्मचारियों की कमी है। संविदा पर रखे एक आपरेटर, एक समन्वयक, एक चपरासी को हटा दिया गया है। केवल पुस्तकालयाध्यक्ष व चपरासी काम कर रहे हैं। किताबों की हो रही आनलाइन इंट्री
वर्तमान में कंप्यूटर पर किताबों की आनलाइन इंट्री की जा रही है। गतवर्ष से चल रहे इस काम में अभी तक 8-10 हजार किताबों की इंट्री हो सकी है। इससे यह पता चलेगा कि लाइब्रेरी में कौन सी किताबें हैं और कहां रखीं हैं। यह है पंजीकरण की व्यवस्था
पुस्तकालय की सदस्यता लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को 200 रुपये व पासपोर्ट साइज फोटो, आइकार्ड की फोटो कापी पुस्तकालय के कार्यालय में देना होता है। बोले जिम्मेदार
शासन को मरम्मत के लिए पांच लाख का प्रस्ताव भेजा गया था। उसकी स्वीकृति व बजट प्राप्त हो गया है। कोरोना व पंचायत चुनाव के कारण अभी कुछ नहीं हो रहा है। स्थिति सामान्य होने के बाद मरम्मत कराया जाएगा।
-बृजेश कुमार पांडेय, अध्यक्ष राजकीय पुस्तकालय।