पपीते की खेती में लागत कम, मुनाफा अधिक

जागरण संवाददाता नौपेड़वां (जौनपुर) स्वास्थ्य के लिए पपीता सर्वोत्तम माना जाता है। इसकी खेती में

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:58 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 04:58 PM (IST)
पपीते की खेती में लागत कम, मुनाफा अधिक
पपीते की खेती में लागत कम, मुनाफा अधिक

जागरण संवाददाता, नौपेड़वां (जौनपुर): स्वास्थ्य के लिए पपीता सर्वोत्तम माना जाता है। इसकी खेती में लागत बहुत ही कम, जबकि मुनाफा ज्यादा होता है। बक्शा क्षेत्र के मझौली गांव निवासी माडल किसान एवं व्यावसायिक खेती में पहचान बनाने वाले रामजीत मौर्य कई साल से पपीते की खेती में भाग्य आजमा रहे हैं। उन्होंने इस साल भी रेड लेडी प्रजाति के पपीते के एक हजार पौधे लगाए हैं। बताया कि इसमें छह माह में फूल व नौ माह में फल लग जाते हैं। यह लगातार दो साल तक फल देते हैं। इस प्रजाति की खासियत है कि सभी पौधों में फल लगेंगे। एक पेड़ में औसतन दो से तीन क्विंटल फल लगते हैं।

रामजीत बताते हैं कि पपीते की खेती में कम पानी व कम समय में अच्छी आमदनी हो जाती है। इतना ही नहीं सहफसली खेती के रूप में बीच-बीच में लहसुन आदि की खेती भी करते हैं। क्षेत्र के लोगों की मांग पर इन्होंने इस प्रजाति के पांच हजार पौधों की नर्सरी भी तैयार कर ली है। बताया कि इस प्रजाति के पौधे सौ प्रतिशत मादा फल देने वाले होते हैं। इस पपीते का गुदा जहां स्वादिष्ट होता है, वही एक पेड़ से करीब तीन क्विंटल उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डेढ़ मीटर की दूरी पर लगाए जाने वाले पपीता के पौधे से खेत को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। पुआल रख कर सिचाई की जाती है जिससे तापमान कम करने के लिए नमी बनी रहती है।

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