अवैध रूप से चल रहा अस्पताल सीज, मांगा गया स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता जौनपुर खतरे जान बने नीम-हकीम के खिलाफ कई दिनों बाद शुक्रवार को ज्वाइ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:47 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:47 PM (IST)
अवैध रूप से चल रहा अस्पताल सीज, मांगा गया स्पष्टीकरण
अवैध रूप से चल रहा अस्पताल सीज, मांगा गया स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, जौनपुर : खतरे जान बने नीम-हकीम के खिलाफ कई दिनों बाद शुक्रवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिमांशु नागपाल के नेतृत्व में टीम ने नगर के एक अस्पताल में जांच किया। अवैध रूप से चल रहे अस्पताल को सीज कर संचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। टीम ने जिला महिला अस्पताल में भी आकस्मिक निरीक्षण किया।

जनपद में नगर सहित ग्रामीण अंचलों में सैकड़ों नर्सिंग होम व क्लीनिक खोलकर नीम-हकीम मरीजों का उपचार कर रहे हैं। वहीं नामी-गिरामी चिकित्सकों के यहां उपकरण पकड़ाने वाले और ओटी टेक्नीशियन घूम-घूम कर सीजर व आपरेशन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से अप्रशिक्षित हाथों से हो रहे आपरेशन के कारण आएदिन जहां मौत हो रही है वहीं उल्टी-सीधी दवाएं देने से मरीजों की लीवर, किडनी प्रभावित हो रही है। कई मरीज जान से भी हाथ धो रहे हैं। रेवड़ी की तरह नर्सिंग होम को लाइसेंस बांटने वालों ने इसे जानने की कभी कोशिश नहीं की। जिस चिकित्सक की डिग्री लगी है वह संबंधित अस्पताल में सेवा दे रहा या नहीं।

अपने तरीके से कागजी अभियान की कोरमपूर्ति कर ली जाती है। गलत उपचार से लगातार हो रही मौतों को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने शाहगंज मार्ग स्थित एक अस्पताल की देखा। जांच में लाइसेंस न मिलने पर सीज कर दिया है। इससे पूर्व भी उन्होंने अवैध रूप से संचालित दो अस्पतालों को सीज किया था। कई अस्पतालों में नहीं पहुंच रही टीम

जौनपुर : जिला अस्पताल के आस-पास कई नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हैं। इन अस्पतालों के संचालन का लाइसेंस तो मिला है, लेकिन उपचार व आपरेशन अप्रशिक्षित हाथों किया जाता है। जिला अस्पताल व महिला अस्पताल आने वाले भोले-भाले मरीजों के तीमारदारों को भयभीत कर दलाल निजी अस्पतालों में पहुंचा देते हैं। इसके एवज में उन्हें तय कमीशन मिल जाता है। इसके अलावा ग्रामीण अंचल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के आस-पास भी कई ऐसे अस्पताल संचालित हैं। इतना ही नहीं मड़ियाहूं, बदलापुर, शाहगंज आदि तहसीलों में तो सरकारी चिकित्सक भी यहां सेवा दे रहे हैं।

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