दूसरों के मोबाइल नंबरों से किया जा रहा है अवैध टिकटों का कारोबार
जागरण संवाददाता जौनपुर अवैध रूप से किए जा रहे ई-टिकटों पर चौतरफा सख्ती के बाद साइबर
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अवैध रूप से किए जा रहे ई-टिकटों पर चौतरफा सख्ती के बाद साइबर अपराधी भी पैतरा बदल रहे हैं। अब दूसरों के मोबाइल नंबरों पर शातिराना तरीके से ई-टिकटों की बुकिग की जा रही है। हैरत की बात यह है कि अधिकतर लोगों को इस बात का पता ही नहीं कि उनके मोबाइल नंबरों से सुनियोजित तरीके से अवैध टिकटों का कारोबार चलाया जा रहा है। साइबर सेंटर संचालकों ने उगले राज
क्राइम ब्रांच व आरपीएफ की संयुक्त टीम ने बीते मंगलवार को आंबेडकरनगर व आजमगढ़ में छापेमारी की थी। आंबेडकरनगर के राजेसुल्तानपुर बाजार में दो अलग-अलग स्थानों कार्रवाई के दौरान साइबर सेंटर संचालक नियाज अहमद को पांच सौ अवैध टिकटों के साथ, जबकि संदीप जायसवाल को 151 टिकटों के साथ पकड़ा गया। साथ ही जनता ट्रेवेल्स संचालक आजमगढ़ के फूलपुर निवासी संतोष गुप्त को 355 टिकटों के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपितों से पूछताछ में जो सच्चाई सामने आई वो हैरान करने वाली है। इन साइबर सेंटरों में पासपोर्ट, आधार कार्ड में गलती सुधार समेत अन्य तरह के कार्य कराने आने वाले लोगों की आइडी चुरा ली जाती थी। इसके बाद फोटो स्कैन कर उनके नाम से सिम खरीद लिया जाता था। टिकट बुक करने के दौरान यात्री के मोबाइल नंबर पर दलाल अपने नंबर डाल कर आसानी से टिकट बुक कर रहे थे। ढ़ाई साल से दुबई के नंबर पर बुक हो रहा था टिकट
नंबरों को ट्रेस कर रही आरपीएफ के हाथ दुबई का भी एक नंबर लगा। फूलपुर निवासी संतोष गुप्त ने मोबाइल रिचार्ज कराने के दौरान दुबई से आए युवक के नाम पर एक आइडी बना ली। बीते ढ़ाई वर्षों से उसी युवक की आइडी व मोबाइल नंबर पर अवैध रूप से टिकट बुक किए जा रहे थे, जिसकी उसे भनक तक नहीं थी। -किसी भी सूरत में अपना मोबाइल दूसरों को न दें। साथ ही साइबर सेंटरों पर प्रपत्र स्कैन करवाने के बाद उसे डिलीट जरूर करा दें। साइबर अपराधी आइडी प्रूफ का गलत इस्तेमाल कर इस तरह के अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
जसवंत सिंह, क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर, लखनऊ।